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नीतीश कुमार ने कमल रंग विवाद से झाड़ा पल्ला, कहा यह कोई मुद्दा ही नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'कमल रंग विवाद' से पल्ला झाड़ लिया है। इस मुद्दे को हवा न देते हुए उन्होंने जेडीयू के बीजेपी के साथ विलय की संभावनाओं पर ताला लगा दिया है।

Updated on: 06 Feb 2017, 08:46 PM

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'कमल रंग विवाद' से पल्ला झाड़ लिया है। इस मुद्दे को हवा न देते हुए उन्होंने जेडीयू के बीजेपी के साथ विलय की संभावनाओं पर ताला लगा दिया है।

नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, 'यह कोई मुद्दा ही नहीं है आप हमसे सवाल क्यों पूछ रहें है। आपको उन आयोजकों से सवाल करना चाहिए कि जिन्होंने मुझसे पटना पुस्तक मेले के दौरान उस तस्वीर में रंग भरने को कहा जोकि बहुआ देवी की प्रचलित मधुबनी पेंटिंग थी।'

उन्होंने कहा कि ' आयोजकों ने मुझसे पेंटिंग में रंग भरने की गुज़ारिश की और मैने कर दी और हस्ताक्षर कर दिए।' यह बात उन्होंने कॉग्रेस राज्य अध्यक्ष और मंत्री अशोक चौधरी और गठबंधन में शामिल अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में कही। 

बता दें कि शनिवार को पटना पुस्तक मेले के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध कलाकार बहुआ देवी की पेंटिंग (कमल) में रंग भर दिया था। इसके बाद यह ख़बर लोगों के बीच तेज़ी से फैली और इस घटना के लोग राजनीतिक मायने निकालने लगे।

इस घटना के बाद जेडीयू की अपनी पुरानी सहयोगी रही बीजेपी की ओर झुकने की अफवाहें फैलनी लगी। बता दें कि बीजेपी और जेडीयू बिहार में 17 साल से गठबंधन में थे और दोनों के बीच 2013 में मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवारी के चलते दोनों के बीच दरार पड़ गई थी और गठबंधन टूट गया था।

इससे पहले नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की तारीफ भी की थी। इसके अलावा नीतीश कुमार ने 350वें प्रकाशोत्सव के सफलतापूर्वक समापन पर भी नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। तभी से नीतीश कुमार के दिल में बीजेपी को लेकर हमदर्दी की ख़बरें आम हो रही थी।

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