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ब्रिक्स सम्मेलन: आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी संभालेंगे मोर्चा, पाकिस्तान को चीन के समर्थन पर भी होगी चर्चा

ये कोशिश होगी कि पाकिस्तान को अलग-थलग कर उसे आतंकी देश के रूप में स्थापित करने की दिशा मे ब्रिक्स सम्मलेन एक बड़ा मिल का पत्थर साबित हो। कोशिश यह भी होगी कि इस काम में चीन का साथ भी मिले।

Updated on: 14 Oct 2016, 08:37 AM

नई दिल्ली:

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इस बार आतंकवाद सबसे बड़ा मुद्दा होगा। भारत की ओर से ये कोशिश होगी कि पाकिस्तान को अलग-थलग कर उसे आतंकी देश के रूप में स्थापित करने की दिशा मे ब्रिक्स सम्मलेन एक बड़ा मिल का पत्थर साबित हो। कोशिश यह भी होगी कि इस काम में चीन का साथ भी मिले। विदेश मंत्रालय की ओर से आतंकवाद को लेकर ब्रिक्स में चर्चा की तैयारी भारत ने कर ली है, पीएम नरेंद्र मोदी खुद ब्रिक्स सम्मेलन में इस बात पर ज़ोर देंगे।

गोआ में होगा ब्रिक्स सम्मेलन-

15 और 16 अक्तूबर को ब्रिक्स समूह के देश- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं का आठवाँ शिखर-सम्मेलन होगा। इस दो-दिवसीय शिखर-सम्मेलन में आर्थिक और व्यापारिक विषयों के साथ-साथ अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई के सवाल पर भी चर्चा की जाएगी। जिसके केंद्र में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद होगा। भारत ने पूरी तैयारी की है कि ब्रिक्स के मंच से पाकिस्तान को कड़ा सन्देश दिया जाए और उसे अलग-थलग करने के लिए गोवा डिक्लियरेशन पर चीन के हस्ताक्षर भी हो।

पाकिस्तान के चीन समर्थन पर ब्रेक लगाना-

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत की ये रणनीति है कि वह ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन में आतंकवाद से लड़ाई करने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास किए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर देगा। ऐसा करना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि न केवल भारत, बल्कि ब्रिक्स समूह का हर देश किसी-न-किसी रूप में आतंकवादी खतरों का सामना कर रहा है। ऐसे में सबसे ज़्यादा ज़रूरी होगा चीन के पाकिस्तान के प्रति गहरे लगाव पर ब्रेक लगाना।

पीएम मोदी संभालेंगे आतंकवाद के ख़िलाफ़ मोर्चा-

सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करने की अपील करेंगे और कहेंगे कि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह, धन और हथियार उपलब्ध करानेवाले देशों के खिलाफ़ संयुक्त रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए।