कुडनकुलम परियोजना के दूसरे चरण का शिलान्यास
कुडनकुलम परियोजना की सफलता के बाद भारत और रूस दुसरे न्युक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट की शुरूआत कर रही है।
नई दिल्ली:
परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाते हुए भारत और रूस ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में पांचवीं और छठी इकाइयों को स्थापित करने के लिए एक सामान्य रूपरेखा समझौते और क्रेडिट प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दे दिया गया है।
कुडनकुलम परियोजना की सफलता के बाद भारत और रूस दुसरे न्युक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट की शुरूआत कर रही है। भारत बहुत जल्द ही न्युक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए नए जगह के नाम की घोषणा भी करने वाला है।
ब्रीक्स सम्मलेन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दूसरे चरण का शिलान्यास करते हुए संयुक्त रूप से इस बात की घोषणा की जिसके बाद मोदी ने कहा कि नए पावर प्लांट शुरू करने के लिए नयी जगह की तलाश चल रही है बहुत जल्द ही इस बात की भी घोषणा कर दी जाएगी।
इससे पहले कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पहली इकाई 10 अगस्त को मोदी और पुतिन ने संयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित की थी। पुतिन ने वीडियो-कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मॉस्को से समारोह में भाग लिया था।
कुडनकुलम 1 का निर्माण भारत परमाणु उर्जा निगम और रूस के रोसातोम ने मिलकर किया है और 2013 में इसमें विद्युत उत्पादन शुरू हो गया था। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने 1988 में परियोजना के लिए समझौते पर दस्तखत किये थे लेकिन इस पर वास्तविक जमीनी कार्य 1997 में ही शुरू हो सका।
कुडनकुलम संयंत्र की इकाई 1 और 2 का निर्माण 20,962 करोड़ रपये की लागत से किया गया था। संयंत्र में बनने वाली बिजली का बड़ा हिस्सा तमिलनाडु को जाता है जिसके बाद कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी को बिजली दी जाती है। प्रत्येक इकाई में 1000 मेगावाट बिजली के उत्पादन की क्षमता है।
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