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VIDEO: जानिए क्या है चार धाम यात्रा और ' चार धाम प्रोजेक्ट' की 5 खास बातें

चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड राज्य में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा को कहते है।

Updated on: 27 Dec 2016, 04:35 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में आज चार धाम यात्रा प्रोजेक्ट (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, 'उत्तराखंड विकास के लिए इंतजार नहीं करना चाहता। आज का शिलान्यास उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने केदारनाथ के हादसे में अपनी जिंदगी गंवा दी थी।'

क्या है चार धाम यात्रा

चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड राज्य में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा को कहते है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार कहते है कि यहां यात्रा न सिर्फ पाप मुक्त करती है बल्कि जन्म और मृत्यु के चक्र से परे ले जाती है।

चारधाम यात्रा के दौरान अक्सर लोगों की शिकायत मिलती है कि उन्हें कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रकृति यात्रा के दौरान कई तरह की वाधा उत्तपन्न होते हैं। अब केंद्र सरकार चार धाम प्रेजेक्ट के जरिए लोगों को होनो वाली समस्या दूर कर करने जा रही है।

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चार धाम हाइवे प्रोजेक्ट की 5 खास बातें

1-चारधाम प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 900 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों बनाया जाएगा।

2- यह प्रोजेक्ट 12,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत ऋषिकेश से होगी और केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जाएगा।।

3-इन जगहों के रास्तों में 132 पुल, 13 बाई पास और 2 टनल बनाए जाएंगे। इनकी न्यूनतम चौड़ाई 10 मीटर होगी।

4-इस प्रोजेक्ट के तहत 3 हाइवे बनाए जाएंगे। पहला हाइवे ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग तक जाएगा। रूद्रप्रयाग के बाद यहां से दो रास्ते होंगे। एक रास्ता बद्रीनाथ जाएगा और दूसरा गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ तक पहुंचेगा।दूसरा हाइवे ऋषिकेश से शुरू होगा और धारासू तक पहुंचेगा। यहां से दो अलग-अलग रास्ते होंगे। पहला धारासू से गंगोत्री तक जाएगा और दूसरा यमुना यमुनोत्री तक पहुंचेगा। तीसरा हाइवे टनकपुर से पिथौरागढ़ जाएगा।

5-इस प्रोजेक्ट से कई तरह से लोगों को फायदा होगा।यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा से लोगों को बचने में मदद मिलेगी। रास्ते में जगह-जगह पर सुरंग, बाईपास, छोटे- बड़े पुलों होगे जो बरसात के मौसम में मदद करेगी। रास्ते में लोगों को खाने पीने का इंतजाम होगा। पार्किंग की भी जगह-जगह सुविधा होगी।