विवेक हत्याकांड : आरोपियों के समर्थन में खाकीधारियों ने बांधी काली पट्टी
समर्थन में उतरे सिपाहियों का कहना है कि विवेक की हत्या पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सिपाही को ही पूरी तरह से दोषी मानकर बर्खास्त कर दिया गया है.
लखनऊ:
विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में आरोपी सिपाहियों और उनका साथ देने पर बर्खास्त किए गए दो सिपाहियों के समर्थन में शुक्रवार को यूपी पुलिस के सिपाहियों ने उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद के बैनर तले बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. उधर, डीजीपी के निर्देश पर इलाहाबाद में दो बर्खास्त सिपाहियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन दोनों ने शनिवार को इलाहाबाद में बैठक करने का कार्यक्रम तय किया था.
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने पुलिसकर्मियों में असंतोष नहीं होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे आरोपी सिपाहियों के समर्थन में मुहिम को फर्जी तस्वीर और कूटचित बता कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
लखनऊ के कई थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांधकर विरोध जताया. गुडंबा थाना, नाका, अलीगंज, एसएसपी कार्यालय समेत शहर के कई थानों के पुलिसकर्मी, आरोपी सिपाही प्रशांत के समर्थन में उतर आए और हाथों में काली पट्टी बांधे नजर आए. जिन्हें काली पट्टी नहीं मिली, उन्होंने जूते के फीते और लैंडलाइन फोन के केवल ही लपेट लिया.
यूपी 100 के भी सिपाही आरोपी प्रशांत के समर्थन में हैं. काली पट्टी बांधे सिपाहियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
समर्थन में उतरे सिपाहियों का कहना है कि विवेक की हत्या पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सिपाही को ही पूरी तरह से दोषी मानकर बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशांत की तहरीर पर एफआईआर तो दर्ज करनी चाहिए थी. विवेचना में अगर उसकी बात गलत मिलती तो उसमें अंतरिम रिपोर्ट लगा दी जाती। ऐसा कई मामलों में हो भी चुका है.
डीजीपी ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों द्वारा काली पट्टियां बांधकर विरोध जताने की जानकारी मिली है. ऐसे लोगों के बारे में छानबीन कराई जा रही है। उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
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डीजीपी ने कहा है कि कई पुरानी तस्वीरों को एडिट कर गलत व भ्रामक और फर्जी तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है. पुलिस सेवा से बर्खास्त किए गए बृजेंद्र यादव और अविनाश पाठक को वाराणसी और मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया है.
एक अन्य पुलिसकर्मी को भी गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले, गुरुवार को डीजीपी ने काला दिवस मनाए जाने के ऐलान पर अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश भी दिया था.
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