logo-image

बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस की लापरवाही आई सामने, SP और DSP का हुआ तबादला

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ के हमले मामले में दो पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है. इन अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं.

Updated on: 08 Dec 2018, 02:00 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ के हमले मामले में तीन पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है. इन अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं. इस हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित एक शख्स की मौत हो गई थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्णा बहादुर सिंह, सर्किल ऑफिसर (सीओ) सत्या प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार का सोमवार को क्षेत्र में बिगड़ी स्थिति में संभालने में नाकाम रहने के लिए तबादला कर दिया गया है. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि खेत में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कायकर्ताओं द्वारा गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने में नाकाम रहने की वजह से दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. सीतापुर के एसपी प्रभाकर चौधरी को एसएसपी बुलंदशहर बनाया है. वह कृष्‍णा बहादुर का स्‍थान लेंगे, जिन्‍हें डीजीपी हेडक्‍वार्टर से अटैच कर दिया गया है. 

इसे भी पढ़ें : कोलकाता हाईकोर्ट ने BJP की रथ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले को किया खारिज, दिया ये आदेश

इस भीड़ हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव के रहने वाले सुमित सिंह की मौत हो गई थी.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. डीजीपी ने इस मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी. इस बीच योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की इस घटना को दुर्घटना बताया है.

और पढ़ें : सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार से नाराज हुए जनरल डीएस हुड्डा, कही ये बात

उन्होंने पहले कहा था कि यह घटना एक बहुत बड़ी साजिश थी लेकिन शुक्रवार को दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह घटना वास्तव में एक दुर्घटना थी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है. बुलंदशहर में जो हुआ, वो एक दुर्घटना थी. पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन मुख्य साजिशकर्ता योगेश राज गिरफ्त से बाहर है.