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यूपी चुनाव: पीएम मोदी वाराणसी में फिर करेंगे रोड शो, राहुल की पूर्वांचल में आज तीन रैलियां, 7वें चरण के लिए है जोर-आजमाइश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को फिर वाराणसी में रोड शो करेंगे। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वांचल के सोनभद्र, मिर्जापुर और जौनपुर में रैलियां करेंगे।

Updated on: 05 Mar 2017, 04:19 PM

highlights

  • पीएम मोदी रविवार को भी वाराणसी में करेंगे रोड शो, तीन दिनों के दौरे पर हैं पीएम
  • राहुल गांधी पूर्वांचल के सोनभद्र, मिर्जापुर और जौनपुर में करेंगे रैलियां
  • वाराणसी समेत पूर्वांचल की 40 सीटों पर आठ मार्च को डाले जाएंगे वोट

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। सातवें और अंतिम चरण के चुनाव लिए सभी राजनीतिक दल मैदान जोर-आजमाइश में जुटे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल में खासकर वाराणसी में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी खुद ली है। वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

प्रचार में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) कड़ी टक्कर देती दिख रही है।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ससंदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री का रोड शो कर अपनी ताकत का एहसास कराया। प्रधानमंत्री का रोड शो रविवार को भी होगा। यही नहीं वह पांच मार्च को वाराणसी में जनसभा भी करेंगे।

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पूर्वांचल के सोनभद्र, मिर्जापुर और जौनपुर में रैलियां करेंगे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के रोड शो के बाद वाराणसी में शनिवार को रोड शो किया था। वहीं मायावती ने भी चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। सातवें और अंतिम चरण के तहत पूर्वांचल के सात जिलों की 40 सीटों पर मतदान होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन बजे पांडेयपुर चौराहा से रोड-शो प्रारंभ कर चौकाघाट, तेलियाबाग, मलदहिया, पटेलचौक होते हुए 5.30 बजे महात्मा विद्यापीठ पहुंचेंगे, जहां विजय शंखनाद रैली को संबोधित करेंगे और 8.30 बजे शाम डीएलडब्लू में प्रबुद्ध मिलन कार्यक्रम में भाग लेंगे।

रविवार को प्रधानमंत्री रात्रि विश्राम अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की साख कैसे बचे, इस जद्दोजहद में बीजेपी का पूरा केंद्रीय नेतृत्व भी जुटा हुआ है। बावजूद इसके बीजेपी प्रत्याशियों को विरोधियों के साथ ही अपनों की भी चुनौती मिल रही है, जिससे कई सीटों पर लड़ाई रोचक होती नजर आ रही है।

क्यों अहम है बनारस का चुनाव?

वाराणसी में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। सेवापुरी, शिवपुरी, अजगरा, पिंडरा, शहर उत्तरी, शहर दक्षिणी, बनारस कैंट और रोहनियां। पिछले विधानसभा चुनाव 2012 में बनारस की तीन सीटों वाराणसी कैंट, वाराणसी उत्तरी और वाराणसी दक्षिणी सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा था।

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बनारस में बीजेपी को इन अपनी तीनों सीटें बचाने के लिए एड़ी चोटी का संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि सेवापुरी विधानसभा में भी कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है।

वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में यदि कोई सीट सबसे अधिक चर्चा में है तो वह वाराणसी दक्षिणी सीट है। इसकी वजह यहां से बीजेपी के दिग्गज व वर्तमान विधायक और लगातार सात बार चुनाव जीत चुके श्यामदेव राय चौधरी का टिकट कटना है। टिकट काटे जाने से श्यामदेव राय नाराज हैं।

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इस सीट को ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है। यहां से बीजेपी ने वर्तमान विधायक श्यामदेव राय चौधरी का टिकट काटकर नीलकंठ तिवारी को मैदान में उतारा है।

इसी सीट से सपा व कांग्रेस गठबंधन की तरफ से राजेश मिश्रा को टिकट मिला है। राजेश हालांकि बनारस से कांग्रेस के टिकट पर एक बार सांसद भी चुने जा चुके हैं। बावजूद इसके उन्हें भी मतदाताओं के बीच कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।

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