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सड़क पर नमाज सही है तो थानों में जन्माष्टमी मनाना गलत कैसे: योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर मैं सड़क पर ईद के दिन नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकता तो मुझे कोई अधिकार नहीं कि मैं थानों में जन्माष्टमी के पर्व को रोकूं।

Updated on: 17 Aug 2017, 12:56 PM

नई दिल्ली:

बुधवार को लखनऊ के केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में एक पत्रिका का लोकार्पण करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमाज और जन्माष्टमी को लेकर सवाल उठाया। 

योगी आदित्यनाथ ने कहा है, 'अगर मैं सड़क पर ईद के दिन नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकता तो मुझे कोई अधिकार नहीं कि मैं थानों में जन्माष्टमी के पर्व को रोकूं।'

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान अधिकारियों ने मुझे बताया कि डीजे और म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर बैन है। मैंने कहा, 'यह कांवड़ यात्रा है या शव यात्रा?'

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मुख्यमंत्री ने कहा, 'बाल गंगाधर तिलक दो कारण से जाने जाते हैं। उन्होंने गणेश पूजन को सांस्कृतिक उत्सव बनाया और गीता पर टीका लिखी। इससे सामूहिक आयोजन हुए। सामूहिक ताकत का अहसास हो तो भारत से टकराने की हिम्मत किसी में नहीं है। गणेश उत्सव गावों, शहरों में मनाए जाते हैं और इससे किसी को आपत्ति नहीं है। यहां क्रिसमस मनाइये कौन रोक सकता है। नमाज पढ़िये। कानून के दायरे में रहेंगे तो कोई नहीं रोकेगा। टकराव तो कानून का उल्लंघन करने पर होता है।'

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उन्होंने कहा, 'अगर मैं गर्व से कहूं कि हिंदू हैं, तो लोग सांप्रदायिक बताएंगे जबकि नेपाल में पशुपतिनाथ भगवान के दर्शन करने जाए तो हिंदू बताने पर नेपाल वालों को अच्छा लगता है।' 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद पंडित दीन दयाल कहते थे कि छात्रों को 200 वर्ष ही नहीं, उससे पहले का इतिहास भी पढ़ाया जाए। हम बल, बुद्धि, विद्या में हमेशा से अग्रणी थे लेकिन फिर भी गुलाम हुए, क्योंकि हम सामूहिक ताकत नहीं बन पाए।

समाजवादी सरकार पर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'यदुवंशी कहलाने वालों ने थानों में जन्माष्टमी मनाने पर रोक लगा दी थी। श्रीकृष्ण के नाम पर एक ही तो पर्व है। भगवान कृष्ण का कीर्तन, स्मरण करते हुए न जाने किस पर प्रभाव पड़ जाए, पुलिस की व्यवस्था में सुधार हो जाए इसलिए भव्य आयोजन के निर्देश दिए।'

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