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उन्नाव बलात्कार कांड : आरोपी थानेदार अशोक कुमार भदौरिया को लखनऊ बेंच से मिली जमानत

अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दे दी कि छूटने के बाद वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे और मुकदमे की हर तारीख पर अदालत में हाजिर होंगे.

Updated on: 12 Mar 2019, 09:32 AM

लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (Lucknow Bench) ने उन्नाव जिले (Unnao District) की बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कथित संलिप्तता वाले बलात्कार मामले के आरोपी तत्कालीन थानेदार को आज जमानत दे दी. न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे (Justice Rang Nath Pandey) की पीठ ने उन्नाव के माखी थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार भदौरिया को जमानत दे दी. उन पर उन्नाव कांड की पीड़िता के साथ दुष्कर्म और उसके पिता की जेल में हत्या के मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मदद करने का आरोप है.

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याची की ओर से दलील दी गई थी कि वह निर्दोष हैं और उन्हें बेवजह फंसाया गया है. अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दे दी कि छूटने के बाद वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे और मुकदमे की हर तारीख पर अदालत में हाजिर होंगे. मालम हो कि उन्नाव जिले के माखी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी विधायक सेंगर के आवास पर जून 2017 में अपने साथ बलात्कार होने का आरोप लगाया था. इस मामले में सेंगर को भी आरोपी बनाया गया है.

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इसके पूर्व, आरोप लगाने वाली लड़की के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. लड़की के पिता की मृत्यु से पहले का एक कथित video वायरल हुआ था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसे विधायक के भाई और अन्य द्वारा पुलिस की मौजूदगी में निर्दयतापूर्वक पीटा गया और उस पर राइफल के बट से हमला किया गया. मामले को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा और उसने पिछले वर्ष अप्रैल में CBI जांच की सिफारिश की थी. उसके बाद 13 अप्रैल को विधायक सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया था.

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CBI ने पिछले साल ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें सेंगर और उनके सहयोगी शशि सिंह पर आपराधिक षड्यंत्र और भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अन्य अपराधों के आरोप लगाये गए हैं. इसके साथ ही उन पर पोक्सो कानून (POCSO Law) की धारा तीन और चार के तहत भी आरोप लगाये गए हैं जो कि नाबालिगों से बलात्कार से संबंधित है.