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जानें कौन-कौन मुस्‍लिम नेता कर रहे अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण की वकालत

अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर इस समय जबर्दस्‍त खींचतान चल रही है. विश्‍व हिंदू परिषद और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ मंदिर निर्माण की खुलकर वकालत कर रहे हैं तो असद्दीन ओवैसी की पार्टी इसके खिलाफ में लगातार बयान दे रही है. कुछ मुसलमान नेता भी मंदिर निर्माण के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

Updated on: 10 Jan 2019, 09:05 AM

नई दिल्ली:

अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर इस समय जबर्दस्‍त खींचतान चल रही है. विश्‍व हिंदू परिषद और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ मंदिर निर्माण की खुलकर वकालत कर रहे हैं तो असद्दीन ओवैसी की पार्टी इसके खिलाफ में लगातार बयान दे रही है. ओवैसी के अलावा कई अन्‍य पार्टियां भी इसके खिलाफ में बोलती रही हैं. इस बीच कुछ मुसलमान नेता भी मंदिर निर्माण के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह अलग बात है कि ये मुसलमान नेता अभी भारतीय जनता पार्टी में हैं. 

शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड से मुगल शासकों द्वारा हिंदू मंदिर तोड़कर बनाए गए मस्जिदों/ढांचों के जायज होने को लेकर सवाल किया है. रिजवी ने पूछा है कि क्या मंदिर तोड़कर बनाए गए किसी ढांचे को वैध माना जा सकता है? मैंने सवाल उठाया है कि अगर विवादित मस्जिद भी ऐसी जगह बना है और या फिर इसी तरह कहीं और, तो क्या इसे वैध और जायज ढांचा माना जाएगा?' वसीम ने कहा कि अगर यह वैध है तब तो ठीक, वरना यह मुद्दा भी बैठक में उठाया जाना चाहिए और इसपर भी आम सहमति बननी चाहिए. वसीम ने राम मंदिर बनाने के लिए कई फॉर्मूले भी दिए.

बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने एक अल्पसंख्यक सम्मेलन में कहा, ‘अगर अयोध्या की राम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाई जाती है तो वहां नमाज़ पढ़ने वाले मुसलमान जहन्नुम जाएंगे क्योंकि वह एक विवादित जगह है.’ उन्‍होंने कहा कि जहां तक मंदिर का सवाल है, मंदिर तो बनेगा ही और अयोध्या में ही बनेगा. वहां नहीं, तो क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बनाएंगे. यह 80 करोड़ से अधिक हिन्दुओं की आस्था का सवाल है.’ बुक्कल ने आगे कहा कि आप ही सोचिये, यहां मस्जिद बनी तो नमाज कौन पढ़ेगा यहां. क्योंकि विवादित जगहों पर दुआ नहीं मांग सकते हैं.

योगी सरकार में मुस्लिम वक्फ बोर्ड व हज मंत्री मोहसिन रजा ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा, राम मंदिर हिंदुस्तान में नहीं बनेगा तो क्या सऊदी अरब में बनेगा?