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दरगाह में इलाज के नाम पर बेड़ियों में बंधे मानसिक रोगियों को रिहा कर भेजा गया घर, कोर्ट ने सुनाई खरी-खोटी

कोर्ट ने कहा कि एक मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी अपनी भी गरिमा है. अगर वो हिंसक भी है, तो उन्हें अकेले रखा जा सकता है, चेन में बांधना समाधान नहीं है.

Updated on: 07 Jan 2019, 04:50 PM

बदायूं:

यूपी के बदायूं में छोटे-बड़े सरकार दरगाह में इलाज के नाम पर जंजीर में बांध कर रखे गए मानसिक रूप से बीमार लोगों के मामले में यूपी सरकार ने बताया कि दरगाह से सभी 17 लोगों को रिहा कर घर वालों को सौंप दिया गया है। ये दरगाह सरकार के अधीन नहीं हैं, बल्कि उनके घर वाले खुद उन्हें इलाज के नाम पर लेकर आए थे.

इस पूरे मामले में कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर कोई मानसिक रूप से अवस्थ भी है, तो किसी को इस तरह से कैसे रखा जा सकता है? ये लोग नहीं, बल्कि उन्हें इलाज के नाम पर ऐसी जगह पर रखने वाले मानसिक रोगी हैं। कोर्ट ने मेंटल हेल्थ केयर एक्ट के अमल को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के बदायूं के छोटे-बड़े सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के नाम पर जंजीर से बांध कर रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मानसिक रूप से बीमार शख्स को चेन में बांधकर नहीं रखा जा सकता है ये उनके अधिकारों और उनके सम्मान के खिलाफ है.

कोर्ट ने कहा कि एक मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी अपनी भी गरिमा है. अगर वो हिंसक भी है, तो उन्हें अकेले रखा जा सकता है, चेन में बांधना समाधान नहीं है.