#Metoo campaign ने ली पहली जान, उत्पीड़न के खिलाफ शुरू हुआ अभियान बन रहा जानलेवा
Me too अभियान जानलेवा तो नहीं बन रहा है? उत्पीड़न के खिलाफ शुरू हुए इस अभियान का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है?
नई दिल्ली:
Metoo अभियान जानलेवा तो नहीं बन रहा है? उत्पीड़न के खिलाफ शुरू हुए इस अभियान का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि Metoo का आरोप लगने पर नोएडा के सेक्टर 137 में निजी कंपनी जेनपैक्ट के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट स्वरूप राज ने घर में आत्महत्या कर ली. अपने सुसाइड नोट में स्वरूप राज ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. पिछले कुछ महीनों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ टिवटर पर शुरू हुए metoo अभियान में कई लोगों के चेहरे बेनकाब हुए. यहां तक कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को अपना पद छोड़ना पड़ा, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इस अभियान के चलते किसी की जान चली गई.
नोएडा के सेक्टर 137 में निजी कंपनी (जेनपैक्ट) के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट स्वरूप राज ने खुदकुशी कर ली. दरअसल ऑफिस में काम करने वाली दो महिलाओं ने स्वरूप राज पर metoo अभियान के तहत छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इंटरनल जांच होने तक स्वरूप राज को निलंबित कर दिया था और उनका लैपटॉप भी वापस ले लिया गया था. उनसे कहा गया था कि जांच होने तक वे ऑफिस न आएं. इस बीच स्वरूप राज ने घर में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली. पत्नी कृति की तहरीर पर पुलिस ने आरोप लगाने वाली दो महिलाओं और कंपनी के कुछ अफसरों को इस मामले में नामजद किया है.
स्वरूप राज ने सुसाइड नोट में ये लिखा
पत्नी कृति के नाम लिखे सुसाइड नोट में स्वरूप राज ने लिखा था, उन पर झूठे यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं. उन्हें ऑफिस की ही लड़कियों ने झूठा फंसाया है. यदि जांच में उनको निर्दोष भी घोषित कर दिया गया फिर भी आरोप लगने से लोग उनको शक की नजर से देखेंगे. इस तरह वो कैसे दोबारा कंपनी जाएंगे? उन पर लगे आरोपों के कारण पत्नी की समाज में इज्जत कम होगी. वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे. कृति! मैं आज बताना चाहता हूं कि तुम्हें कितना प्यार करता हूं. मुझ पर विश्वास करो कि मैंने कुछ नहीं किया है. दुनिया इसे नहीं समझेगी, लेकिन तुम और तुम्हारे परिवार को मुझ पर विश्वास करना चाहिए. एक दिन सभी लोग जानेंगे कि सच क्या है. तुम्हारे पति ने कुछ नहीं किया है, लिहाजा तुम मजबूत बनो और इज्जत की जिंदगी बिताओ.
It is with deep sorrow that we confirm the news of an employee’s untimely death. Our heart goes out to his family during this time of grief. In view of the dialogue surrounding this event, here is our official statement. pic.twitter.com/Gnfmr2OKf1
— Genpact (@Genpact) December 20, 2018
दो साल पहले हुई थी शादी
स्वरूप राज हरियाणा के गुड़गांव के रहने वाले थे. वो नोएडा में पैरामाउंट सोसायटी में पत्नी कृति संग रहते थे. दो साल पहले उनकी शादी हुई थी. उन्होंने सोमवार रात 12 बजे के करीब घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. पत्नी कृति भी उसी कंपनी में काम करती हैं. कृति जब घर पहुंची तो स्वरूप का शव पंखे से लटका हुआ पाया. जेनपैक्ट ने स्वरूप राज की आत्महत्या पर दुख जताते हुए अपने टिवटर हैंडल से ट्वीट किया है और परिवार के प्रति संवेदना जताई है.
क्या कह रही है पुलिस
सीओ निशांक शर्मा ने बताया, घरवालों की तहरीर के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में कंपनी के कई अधिकारियों व आरोप लगाने वाली दोनों महिला कर्मचारियों को आरोपित बनाया गया है. मामले की जांच शुरू हो गई है.
क्या है मी टू अभियान
भारत में #Metoo अभियान सोशल मीडिया पर चल रहा एक तरह का आंदोलन है. इस अभियान के जरिए महिलायें यौन उत्पीड़न की घटनाएं खुलकर बता रही हैं. य अभियान एक तरह की लड़ाई है, जिसमें महिलाएं अपने ऊपर हुए अत्याचारों के खिलाफ एक जुट होकर लड़ रहीं हैं.
कब से शुरू हुआ मी टू अभियान
Metoo की शुरुआत साल 2006 में हुई थी. इसकी शुरुआत अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट तराना बर्क ने पहली बार 2006 में की थी. तराना बर्क के खुलासे के 11 साल बाद 2017 में यह सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ. इसकी बात हॉलीवुड अभिनेत्री एलिस मिलने ने 15 अक्टूबर 2017 को अपने ट्विट के जरिये की थी. उन्होंने हॉलीवुड के दिग्गज प्रोड्यूसर हार्वी वाइंस्टीन को लेकर खुलासे किए थे. इसके बाद उनका करियर बर्बाद हो गया. तब से यह महिलाओं के लिए सशक्त हथियार बनकर सामने आ गया.
कौन-कौन हुआ शिकार
भारत में इसकी शुरुआत बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने की. उन्होंने अभिनेता नाना पाटेकर पर 25 अक्टूबर को आरोप लगाए. उसके बाद कई बड़े बॉलीवुड हस्तियों के नाम सामने आए हैं. नाना पाटेकर के बाद जिनपे आरोप लगाए गए हैं, उनमें विकास बहल, चेतन भगत, रजत कपूर, कैलाश खैर, जुल्फी सुईद, आलोक नाथ, सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य, तमिल राइटर वैरामुथु और मोदी सरकार में मंत्री एमजे अकबर, सुहेल सेठ शामिल हैं. इस अभियान के सबसे बड़े शिकार देश के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर हुए. कई महिलाओं ने उन पर पत्रकारिता के दौरान शोषण का आरोप लगाया. इस कारण उन्हें पद से इस्तीफा भी देना पड़ा.
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