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लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम पर 'सपा' में समीक्षा का दौर जारी

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.

Updated on: 27 May 2019, 08:04 PM

highlights

  • अखिलेश यादव संगठन में कर सकते हैं बड़े बदलाव
  • कई बड़बोले नेताओं पर गाज गिरना तय

लखनऊ:

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.

पार्टी सूत्रों के अनुसार, हार के बाद अखिलेश यादव पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं. प्रदेश अध्यक्ष के साथ अन्य इकाइयों के अध्यक्षों और जिलाध्यक्षों को भी बदला जा सकता है. हालांकि अभी फिलहाल हार के कारण तालशे जा रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में नकारात्मक भूमिका निभाने वाले कुछ नेताओं पर भी गाज गिर सकती है.

सूत्रों के अनुसार, अभी से अखिलेश 2022 के विधानसभा चुनाव और 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में जुट गए हैं.

पार्टी के एक पुराने कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब संगठन का ढांचा मुलायम सिंह जैसे कार्यकाल वाला होने पर चर्चा हुई है. इसमें आगड़ा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, जैसे नामी चेहरों को शामिल किया जा सकता है.

सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के अनुसार, "सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी रहे नेताओं और उनके पोलिंग एजेंटों एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके लोकसभा चुनाव के नतीजों पर लगातार समीक्षा कर रहे हैं."

उन्होंने बताया कि अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकसभा चुनाव में मिली पराजय से मायूस होने के बजाय जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाएं और वर्ष 2022 में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी करें.

इस सवाल पर कि लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से अखिलेश की कोई बातचीत हुई है? चौधरी ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है.

बसपा के साथ गठबंधन के बारे में किसी तरह की चर्चा को लेकर पूछे गए सवाल पर चौधरी ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

गौरतलब है कि बसपा के साथ गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें ही मिली हैं. इतना ही नहीं सपा के दुर्ग कहे जाने वाले कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद में परिवार के सदस्य चुनाव हार गए.