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योगी आदित्यनाथ के हाथ में उत्तर प्रदेश की कमान, आज लेंगे शपथ, केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा बनेंगे उप-मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल से पर्दा उठ चुका है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गोरखपुर से सांसद और हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना है।

Updated on: 19 Mar 2017, 08:47 AM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ होंगे यूपी के मुख्यमंत्री, आज लेंगे पद और गोपनीयता की शपथ
  • पीएम मोदी और अमित शाह समारोह में होंगे शामिल, बीजेपी शासित राज्यों के CM भी होंगे शामिल

नई दिल्ली:

गोरखपुर से सांसद और हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शनिवार को पार्टी पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में योगी को पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

बीजेपी विधायक दल ने उत्तर प्रदेश में समाजिक समीकरण और संगठन को ध्यान में रखते हुए दो उप मुख्यमंत्री भी चुना है। लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा और उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य राज्य के उप मुख्यमंत्री होंगे।

शपथ ग्रहण समारोह रविवार को दोपहर 2:15 बजे लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।

योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट में युवाओं और सामाजिक समीकरण साधने के साथ क्षेत्रीय संतुलन को तवज्जो दी जा सकती है। वहीं गठबंधन को साधने के लिए अपना दल के विधायक को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और पहली बार नोएडा से विधायक चुने गये पंकज सिंह को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बीजेपी सरकार में लखनऊ से भी कई चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर है, इनमें मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हराने वाली रीता बहुगुणा जोशी, लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल टंडन प्रमुख हैं। साथ ही बृजेश पाठक और स्वाति सिंह को भी मौका मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से बीजेपी में शामिल हुए स्वामी प्रासद मौर्य, सुरेश राणा, संगीत सोम, रामपाल वर्मा, ब्रजेश पाठक, राधा मोहन दास अग्रवाल, रानी पक्षालिका सिंह को भी जगह मिल सकती है।

आखिरी वक्त में आगे निकले आदित्यनाथ

बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने बैठक में मुख्यमंत्री के लिए आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका केंद्रीय सूचना एवं प्रसार मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने समर्थन किया। नाथपंथ के प्रसिद्ध मठ गोरक्षनाथ के महंत आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं और लव जेहाद तथा धर्मातरण जैसे मुद्दों पर अपने बयानों के कारण हमेशा विवादों में रहे हैं। आदित्यनाथ ने पीएम मोदी की पसंद और केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के साथ केशव प्रसाद मौर्य को पीछे छोड़ते हुए यूपी के सीएम की कुर्सी तक पहुंच बनाई।

आदित्यनाथ 26 वर्ष की अवस्था में 1998 में पहली बार गोरखपुर से सांसद चुने गए और देश के सबसे युवा सांसद बने। तब से वह लगातार गोरखपुर से सांसद हैं।

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को सीएम चयन के लिए प्रेक्षक नियुक्त किया था। विधायक दल की बैठक में दोनों वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

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इससे पहले बीजेपी के कई नेताओं के नाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और कानपुर से विधायक सतीश महाना का नाम कई बार उछला। लेकिन पार्टी में लंबी चर्चा के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुना गया है। राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाले योगी आदित्यनाथ के बहाने स्वर्ण को साधने की कोशिश है।

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देश की सबसे घनी आबादी वाले राज्य में बीजेपी तकरीबन 15 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है। राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 325 पर जीत हासिल हुई है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा का समय 17 मार्च को खत्म हो गया। राज्यपाल राम नाईक ने विधानसभा को भंग कर दिया है। एयरपोर्ट के पास कांशीराम स्मृति उपवन में रविवार दोपहर होने वाले शपथ-ग्रहण समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसके लिए दो मंच भी बनाए जाएंगे।

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