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गोरखपुर हादसा: मृत बच्चों के परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ नहीं होने पर किया विरोध प्रदर्शन

परिजनो ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ नहीं किये जाने को लेकर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।

Updated on: 16 Aug 2017, 12:22 PM

नई दिल्ली:

गोरखपुर के बीआरडी (बाबा राघव दास) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 से अधिक बच्चों के मारे जाने के ख़िलाफ़ उनके परिवार के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

बुधवार को मृत बच्चों के परिजनो ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सामने पुलिस द्वारा यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ नहीं किये जाने को लेकर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।

परिजनो का आरोप है कि इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी जिम्मेदार हैं क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं होती तो उनका बच्चा बच सकता था।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार आक्सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म का बकाया चुका देती तो भुगतान की देरी की वजह से उन्हें अपने बच्चों का शव उठाना नहीं पड़्ता। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर लिखने की मांग की है।

इससे पहले गुरुवार को उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने इन सभी बच्चों की मौत को हत्या करार देते हुए योगी सरकार पर मुकदमा दर्ज़ कराने की मांग की थी।

बता दें कि पिछले हफ़्ते गुरुवार- शुक्रवार की रात (10-11 अगस्त) को गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में इंसेफेलाइटिस रोग से पीड़ित बच्चों को स्पेशल वार्ड में भर्ती किया गया था। लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने की वजह से लगभग 30 से अधिक बच्चों की आकस्मिक मौत हो गई थी।

वहीं यूपी सरकार का कहना है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं बल्कि इंसेफेलाइटिस बीमारी की वजह से हुई थी।

हालांकि ये सच है कि 1978 के बाद से ही गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस की वजह से हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत होती है। लेकिन ये पहला मौक़ा है जब महज़ कुछ घंटों में एक साथ 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई हो।

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