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प्रयागराज के समर्थन में बोले योगी, नाम से कुछ नहीं होता तो मां-बाप रावण नाम क्यों नहीं रखते?

सीएम योगी ने एक कार्यक्रम के दौरान सफाई देत हुए कहा, 'लोग कह रहे हैं क्यों नाम बदल दिया, नाम से क्या होता है? मैं कहता हूं कि अगर ऐसा ही है तो तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हारा नाम रावण क्यों नहीं रख दिया?'

Updated on: 05 Nov 2018, 09:46 AM

नई दिल्ली:

शहर का नाम बदलने की यूपी की बीजेपी सरकार की मंशा पर अभी सवाल उठाए जा रहे हैं. यूपी में बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अभी मीडिया और कई लोग इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर सवाल कर रहे हैं. इतना ही नहीं कई लोग कुछ और शहरों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक कार्यक्रम में इस मुद्दे को लेकर उन्हें कठघरे में खड़ा करने वालों को जवाब दिया. उन्होंने इलाहाबाद शहर को प्रयागराज के नाम से बदलने का बचाव किया. 

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने को लेकर बार-बार विरोधियों की आलोचना झेल रहे सीएम योगी ने अपना बचाव किया है। सीएम योगी ने एक कार्यक्रम के दौरान सफाई देते हुए कहा, 'लोग कह रहे हैं क्यों नाम बदल दिया, नाम से क्या होता है? मैं कहता हूं कि अगर ऐसा ही है तो तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हारा नाम रावण और दु्र्योधन क्यों नहीं रख दिया?'

योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ठ रूप से कहा कि जब मैंने इलाहाबाद का नाम बदला, कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए. कुछ ने यह भी कहा कि नाम में क्या रखा है. इसलिए मैंने कहा कि क्यों नहीं उनके माता-पिता ने उनका नाम रावण और दुर्योधन रखा. इस देश में नाम बहुत महत्व रखता है. उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादातर नाम 'राम' से संबंधित हैं और व्यापक रूप से अनुसूचित जातियों द्वारा उपयोग किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि राम नाम हमें हमारी गौरवपूर्ण परंपरा से जोड़ता है.'

बता दें कि प्रयाग, इलाहाबाद का मूल नाम था, जो देश के पुराने शहरों में से एक है. इसे साल 1575 में मुगल सम्राट अकबर द्वारा "इलाहाबाद" या "भगवान का निवास" नाम दिया गया था.

इससे पहले यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि अखिलेश "राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से 'प्रयाग कुम्भ' का नाम किया था और आज के शासक केवल 'प्रयागराज' नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं। इन्होंने तो 'अर्ध कुम्भ' का भी नाम बदलकर 'कुम्भ' कर दिया है। ये परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है।"

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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने 16 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से इलाहाबाद का नाम बदलने का फैसला किया था. इस प्रस्ताव की मंजूरी राज्यपाल रामनाइक के द्वारा भी मिल गई थी.