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घूसखोरी मामलाः एसआईटी की जांच में तीनों मंत्रियों के निजी सचिव दोषी पाए गए

यूपी सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों की घूसखोरी माममे में सीएम के आदेश पर गठित एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है.

Updated on: 19 Mar 2019, 09:41 AM

लखनऊ:

यूपी सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों की घूसखोरी माममे में सीएम के आदेश पर गठित  एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है. मंत्रियों के इन निजी सचिवों पर घूसखोरी के लगे आरोप सही पाए गए. जांच टीम ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीटदाखिल की है. स्टिंग ऑपरेशन के ऑडियो और वीडियो की फॉरेंसिक लैब ने भी जांच में की पुष्टि की है. पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप, खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव त्रिपाठी और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी का स्टिंग हुआ था. 28 दिसंबर को  तीनों निजी सचिव के खिलाफ हजरतगंज में एफआईआर दर्ज हुई थी.

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दरअसल एक स्टिंग आपरेशन में मंत्रियों के विधानभवन स्थित मंत्रियों के कार्यालय में उनके निजी सचिवों को एक ट्रांसफर, ठेके आदि में डीलिंग करते पकड़ा गया है. इनमें मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडेय और संदीप सिंह के निजी सचिव शामिल हैं. अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश चंद गुप्ता ने इन तीनों निजी सचिवों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं.

स्टिंग ऑपरेशन में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप कई विभागों के लिए घूस मांगते नजर आए. इसी तरह से खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी डीएस से परमीशन से लेकर आबकारी के एक काम के लिए डील करते दिखाई दिए. वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी ​किताबों के ठेके का सौदा करते दिखे.

बता दें इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्रियों के तीन निजी सचिवों को रिश्वत मांगने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया. एसआईटी एडीजी (लखनऊ क्षेत्र) राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में SIT गठित की गई.