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अयोध्या बम ब्लास्ट मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास, मोहम्मद अजीज बरी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 5 जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले में आज यानी मंगलवार को फैसला आ गया है. चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए अदालत ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

Updated on: 19 Jun 2019, 06:59 AM

highlights

  • सुरक्षा कारणों से जेल में ही सुनाया गया फैसला
  • 2005 में हुआ था हमला, 5 आतंकी हुए थे ढेर
  • सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 5 जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले में आज यानी मंगलवार को फैसला आ गया है. चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए अदालत ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. चारों पर 2 लाख 40 हजार रुपये का अर्थ दण्ड भी लगाया गया है. 14 साल चले इस मुकदमें में 371 तारीखें लगीं.

ये हमला 2005 में राम जन्मभूमि परिसर में सुबह करीब सवा 9 बजे हुआ था जिसपर प्रयागराज की स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाएगा. इस मामले में अदालत ने एक आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया है. फैसली स्पेशल जज एससी-एसटी दिनेश चन्द्र ने सुनाया.

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सुरक्षा कारणों की वजह से अस्थायी स्पेशल ट्रायल कोर्ट नैनी सेंट्रल जेल में बनाया गया था. जहां जज दिनेश चन्द्र ने पहुंच कर फैसला सुनाया. हमले के सभी आरोपी नैनी जेल में ही बंद थे. ये सभी आरोपी जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी हैं.

फैसला आने में लगा 14 साल

इस मामले में बहस 11 जून को पूरी हो चुकी थी. 18 जून को सिर्फ फैसला आना बाकी था. इस मामले में कुल 63 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. 14 साल पहले 5 जुलाई 2005 की सुबह करीब सावा 9 बजे राम जन्मभूमि परिसर में आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी.

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आतंकियों ने बम धामाका भी किया था जिसमें 2 आम नागरिक मारे गए थे. कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी 5 आतंकी मार गिराए थे और 5 अन्य आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया था. ये मुठभेंड़ करीब डेढ़ घंटे तक चली थी. इस आतंकी हमले में 7 आम नागरिक भी घायल हो गए थे.

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इस हमले के बाद जो आतंकी पकड़े गए उनमें डॉक्टर इरफान, आसिफ इकबाल उर्फ फारूक, शकील अहमद, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद अजीज शामिल थे. इस मामले में 2006 में इन पर आरोप तय किए गए थे. बाद में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आतंकियों को नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया.