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बंगला विवाद: अखिलेश यादव का हमला, कहा- उपचुनाव की हार से बौखलाई BJP

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया था।

Updated on: 13 Jun 2018, 02:17 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ और सामान ले जाने के खुद पर लगे आरोपों पर बुधवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनावों में हुई हार से बीजेपी सरकार बौखला गई है। इसीलिए बिना वजह के आरोप लगाए जा रहे हैं।

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने पूछा कि बीजेपी उन्हें बदनाम करने के लिए इतनी बड़ी साजिश क्यों रच रही है? क्या चार उपचुनाव हारने के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके लिए अखिलेश यादव ही सबसे बड़ा खतरा है? 

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उन्होंने कहा, 'सरकार बिना वजह टोटी के लिए क्यों बदनाम कर रही है। हर आदमी मकान खाली करते समय अपना सामान ले जाता है। इसीलिए मैं भी घर छोड़ते समय अपनी चीजों को साथ ले गया। अगर सरकार को पता है कि हम सरकारी सामान लेकर गए हैं, तो हमें उसकी लिस्ट दी जाए। हम उन्हें सामान लौटा देंगे।'

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के लोग उपचुनाव में हुई हार से बौखला गए हैं। इसीलिए इस तरह की चीजों का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे बदनाम करने लिए यह सब कुछ किया जा रहा है। बीजेपी वाले छोटे दिल के हैं। उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए।'

घूसकांड पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ भी चिट्ठी लिखी गई थी जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया। क्यों मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को बचाया जा रहा है? जिसने आरोप लगाए उसे ही गिरफ्तार कर लिया गया। 

अखिलेश ने कहा कि सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का टेंडर बार-बार क्यों बदल रही है? हमने एक्सप्रेस वे बनाकर दिखा दिया था। अगर बीजेपी की सरकार में दम हो तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का कागज सामने रखकर उससे तुलना करे। 

उन्होंने यह भी साफ किया कि अगले चुनाव में देश का प्रधानमंत्री बदलना है। इस मिशन में समाजवादी कार्यकर्ता लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम किसी के साथ भी गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद अखिलेश ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था, लेकिन बंगले पर सियासत अभी भी थमने का नाम नही ले रही है। राज्य सम्पत्ति विभाग ने आरोप लगाया है कि आवास छोड़ते समय उसमें काफी तोड़फोड़ की गई है।

इस पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि अगर बंगले में तोड़फोड़ हुई है तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्यपाल राम नाईक के आरोप के बाद ही अखिलेश ने अपनी बात रखी। उन्होंने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल के अंदर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आत्मा घुसी हुई है। इसीलिए वह कानून और संविधान को नजरअंदाज कर सरकार से बंगले की रिपोर्ट मांग रहे हैं।

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