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एग्जिट पोल 2017: पूर्वांचल में मोदी कैबिनेट को उतारने की रणनीति से क्या खत्म होगा यूपी में वनवास!

बीजेपी ने शुरुआत से ही पुर्वांचल में पकड़ बनाए रखने की कोशिश की थी।

Updated on: 10 Mar 2017, 11:57 AM

नई दिल्ली:

एग्जिट पोल के आंकड़ों की माने तो पूर्वांचल में मोदी कैबिनेट के क़रीब दो दर्ज़न मंत्रियों को मैदान में उतारने की रणनीति कामयाब होती दिखाई दे रही है। यूपी चुनाव के परिणाम को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आ रहा है उसके अनुसार राज्य में बीजेपी सरकार बनाने के करीब है।   

आखि़री दो चरण के चुनाव से पहले बीजेपी ने बनारस में अपनी पूरी ताक़त झोंक दी थी। बीजेपी के अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल औऱ मनोज सिन्हा जैसे 14 मंत्री दिन-रात वाराणसी में जमे हुए थे।

बीजेपी ने शुरुआत से ही पूर्वांचल में पकड़ बनाए रखने की कोशिश की थी। तो क्या बीजेपी वाराणसी से ही यूपी के सत्ता तक के सफर तय करना चाह रही थी?

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यूपी में आख़िरी दो चरण से पहले पीएम मोदी भी वाराणसी पहुंचे, इस दौरान उन्होंने दो रोड शो और जन सभाएं की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वाराणसी में रोड शो किया था। वाराणसी को पूर्वांचल की राजधानी माना जाता है और पीएम मोदी यहां से सांसद भी हैं।

बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल की थी और अपना दल के साथ बीजेपी गठबंधन को 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

तीन वर्ष बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए एक बार फिर बीजेपी मोदी पर काफी हद तक निर्भर दिख रही है। इस बार मोदी भी अलग तरह की राजनीति करते दिख रहे हैं।

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वाराणसी में रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को भी खुश करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने एसपीजी से कहकर बावनी के सरदार हाजी मुख्तार अहमद महतो की ओर से दिए गुलदस्ते और शॉल को स्वीकार किया और इस भेंट को सिर से लगाया।

इस तरह उन्होंने विरोधियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी में मुस्लिमों का पूरा सम्मान है। बनारस, उत्तर प्रदेश के चुनाव की वो रणभूमि बनी जिसमे देश के प्रधानमंत्री की साख दांव ओर लगी थी। इस साख पर कहीं बट्टा न लग जाए इसलिए पीएम ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

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बनारस हमेशा से बीजेपी के मिज़ाज का शहर रहा है। वाराणसी में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां शहर की तीन सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है। हालांकि इस बार टिकट के बंटवारे की वजह से लोगों में असंतोष भी रहा। यही वजह थी कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वाराणसी में रहते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सांमजस्य बिठाते रहे, जिससे डैमेज कंट्रोल कम किया जा सके।

यूपी चुनाव में बीजेपी की सीधी टक्कर सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा से है। पार्टी को उम्मीद है कि राज्य के पूर्वी हिस्से में अच्छा प्रदर्शन करके वह 403 सीटों वाले विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा हासिल कर सकती है।

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