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चेकिंग का वीडियो बनाने से रोक नहीं सकती ट्रैफिक पुलिस, जानें अपने अधिकार

चालान काटते समय ट्रैफिक पुलिस दुर्व्यवहार करे तो मोबाइल से रिकॉर्डिंग करें. पुलिसकर्मी को फोन और कैमरा आदि छीनने और तोड़ने का अधिकार नहीं है.

नई दिल्‍ली:

संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (New Motor vehicle Act) लागू होने के बाद चालान (Challan) की दरें क्‍या बढ़ी, पुलिस ज्यादा सक्रिय हो गई. गुरुग्राम पुलिस ने स्‍कूटी चालक का 23000 और ट्रैक्‍टर चालक का 59000 का चालान काट दिया. चालान जानलेवा भी साबित हो रहा है. झारखंड की राजधानी रांची के चुटिया थाना क्षेत्र में एक ऑटो चालक ने एक लाख रुपये के चालान कटने के डर से ट्रैफिक पुलिस अधिकारी के ऊपर ही गाड़ी चढ़ा दी. वहीं नोएडा में कार पर डंडा मारने को लेकर हुई नोकझोंक में कार चालक की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यानी बवाल-ए-जान बना चालान ट्रैफिक पुलिस का हथियार बन गया है.

बता दें ट्रैफिक पुलिस के दुर्व्यवहार करे तो कोई भी वाहन चालक पुलिसकर्मी के साथ बातचीत के दौरान कैमरा इस्तेमाल कर सकता है. इस पर कोई पाबंदी नहीं है. पुलिसकर्मी को फोन और कैमरा छीनने और तोड़ने का अधिकार नहीं है. एक आरटीआई (RTI) के जवाब में हरियाणा (Haryana) पुलिस ने यह जानकारी दी है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फरीदाबाद के रहने वाले RTI एक्टिविस्ट अनुभव सुखीजा ने वाहन चालकों के अधिकार को लेकर हरियाणा पुलिस में एक आरटीआई डाली. पुलिस ने बताया कि वाहन चलाते समय अगर किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving licence) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) नहीं है तो चालक मोबाइल पर पुलिसकर्मी को कागजात दिखा सकता है. वाहन चलाते समय गाड़ी में हॉकी, क्रिकेट बैट, विकेट आदि सामान रखने पर पाबंदी नहीं है.

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आरटीआई के एक सवाल के जवाब में ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि वाहन चलाते समय चालक व चालक के साथ बराबर में बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है., लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है या चोट आदि है तो मानवता के आधार पर सीट बेल्ट से छूट मिल सकती है.

ये भी जानें

  • पुलिसकर्मी हाथ से इशारा करके वाहन रुकवा सकता है. चेक कर सकता है. अगर कोई चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है.
  • पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है. पुलिसकर्मी को वाहन के प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट चेक करने का अधिकार है.
  • अगर कोई वाहन चालक अपने निजी वाहन में कमर्शियल उद्देश्य के लिए कोई सामान ले जाता है तो पुलिसकर्मी को उसका बिल चेक करने का अधिकार है.
  • पुलिसकर्मी अगर किसी वाहन चालक को गाड़ी के कागजात चेक करने के लिए रुकवाता है तो चालक कागजात पुलिसकर्मी को दिखाने का जिम्मेदार होगा.
  • सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 के मुताबिक यदि वाहन चालक के पास तत्काल समय पर ये दस्तावेज नहीं होते हैं तो उन्हें सभी जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है.
  • नियमों के मुताबिक वाहन चालक को इस बात का दावा करना होगा कि वह 15 दिनों के भीतर संबंधित ट्रैफिक अधिकारी के सामने दस्तावेज पेश कर देगा. चालक द्वारा किए गए इस दावे के बाद ट्रैफिक पुलिस उसका चालान नहीं काटेंगे.

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  • मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत सड़क दुर्घटना या किसी अन्य विशेष मामलों में दस्तावेज दिखाने के लिए अधिकतम 7 दिन का ही समय होता है.
  • यदि तत्काल समय पर जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काटती है तो चालक कोर्ट में इसे खारिज करा सकते हैं.
  • कानून के मुताबिक यदि आपके पास आपके वाहन के सभी दस्तावेज हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं काट सकती है. ऐसे मामले में कोर्ट ट्रैफिक पुलिस द्वारा जबरन काटे गए चालान माफ कर सकते हैं.