बुरी खबर: रेलवे जल्द ही बढ़ा सकता है किराया, रेलवे के आला अधिकारी ने दिए संकेत
पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रेलवे अधिक डिमांड वाले रूट्स पर यात्री किराये में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है. अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी कुछ ऐसे ही संकेत दे रहे हैं.
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नई दिल्ली:
भारत में लगभग हर कोई भारतीय रेलवे में यात्रा करता है. लेकिन ये खबर सुनकर आपको थोड़ा दुख जरूर होगा. दरअसल भारतीय रेलवे जल्द ही अपना किराया बढ़ा सकता है. जी हां, यानी अब भारतीय रेलवे में यात्रा करना आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है. ये जानकारी भारतीय रेल के चेयरमैन वीके यादव ने गुरुवार को मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को 'तर्कसंगत' बनाने की प्रकिया में है. हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जाएगा इस बारे में बताने से उन्होंने सीधा कुछ भी बोलने से इंकार किया. यादव ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाने जा रहा है. पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रेलवे अधिक डिमांड वाले रूट्स पर यात्री किराये में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है. अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी कुछ ऐसे ही संकेत दे रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल - जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की Income हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये ही थी.
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चेयरमैन ने आगे जानकारी दी कि किराया बढ़ाना एक 'संवेदनशील' मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, 'हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं. इस पर सोच-विचार किया जा रहा है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है. चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है.'
बताया जा रहा है कि किराये में वृद्धि का विचार ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही में सीएजी ने कहा है कि रेलवे की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 10 सालों में सबसे खराब रहा था. यह 98.44 रुपये पर पहुंच गया था. यानी 1-2 रुपये की कमाई करने के लिए रेलवे को 98.44 रुपये का खर्च करना पड़ रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और एनसीआर के चलते भी भारतीय रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) पर हो रहे भारी प्रदर्शन के चलते भारतीय रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इन प्रदर्शनों के चलते इंडियन रेलवे और उसकी प्रापर्टी को करीब 88 करोड़ रुपये की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है. Eastern Railway Zone में भारतीय रेलवे को 72 करोड़ रुपये की प्रापर्टी का नुकसान हुआ है. जबकि South Eastern Railway Zone में करीब 13 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
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