logo-image

Google में इन 10 चीजों का किया सर्च तो आपका नुकसान पक्‍का

कई बार कुछ ऐसी चीजें भी अनजाने में गूगल (Google) पर सर्च कर लेते हैं, जो आगे चलकर हमारे लिए नुकसान दायक साबित होता है. 10 ऐसी चीजों हैं, जिसके बारे में Google पर सर्च नहीं करनी चाहिए.

नई दिल्‍ली:

इसमें कोई शक नहीं कि गूगल (Google) ने लोगों की जिंदगी आसान कर दी है. चाहे रेस्‍टोरेंट का पता जानना हो या किसी कंपनी के कस्‍टमर केयर का नंबर (Customer Care Number), या फिर ऑनलाइन बैंकिंग वेबसाइट (Online Banking Website), हर समस्‍या का समाधान गूगल (Google) बाबा के पास है. दरअसल गूगल सर्च (Google Search) अब हमारे रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. कई बार कुछ ऐसी चीजें भी अनजाने में गूगल (Google) पर सर्च कर लेते हैं, जो आगे चलकर हमारे लिए नुकसान दायक साबित होता है. 10 ऐसी चीजों हैं, जिसके बारे में Google पर सर्च नहीं करनी चाहिए.

मेडिकल प्रिसक्रिप्शन

गूगल (Google) में बीमारी के लक्षण के आधार पर दवाई सर्च करने की आदत आपको परेशानी में डाल सकती है. ऐसा करना हमारे लिए नुकसान दायक हो सकता है.
उपायः बीमार पड़ने पर हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें और उनके बताए दवाई का ही इस्तेमाल करें.

यह भी पढ़ेंः पीएम नरेंद्र मोदी के अजीज दोस्‍त बेंजामिन नेतन्याहू का टूट सकता दोबारा पीएम बनने का सपना

पर्सनल फाइनेंस और स्टॉक मार्केट

कभी भी गूगल (Google) पर अपने पर्सनल फाइनेंस से संबंधित सलाह नहीं लेनी चाहिए. गूगल (Google) पर सर्च करने स्टॉक मार्केट का एडवाइस भी नहीं लेनी चाहिए. गूगल (Google) सर्च करने पर हमें कोई विश्वसनीय सोर्स नहीं मिलता है. इससे आपको लेन-देन में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.

उपायः हमेशा अपने ब्रोकर से ही सलाह मशवरा करें.

यह भी पढ़ेंः जिस लिव-इन पार्टनर की लाश पर रो रही थी लड़की, वही निकली कातिल

ऑनलाइन बैंकिंग वेबसाइट

ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस के लिए बैंक की वेबसाइट और URL को सर्च करने के लिए अक्‍सर हम गूगल (Google) का सहारा लेते हैं. अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग के लिए Google सर्च करते हैं तो कई सारी फिशिंग साइट (Fake Site) के लिंक्स भी मिल जाते हैं. आप जैसे ही ऐसे लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको अपने बैंक की वेबसाइट जैसी हू-ब-हू पोर्टल दिख जाएगी. यहां बैंकिंग डिटेल्स डालते ही आपका खाता खाली हो सकता है.

यह भी पढ़ेंः Howdy Modi पर राहुल गांधी का कटाक्ष, पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा-HowdyEconomy

उपायः जब भी ऑनलाइन बैंकिंग की सेवा का इस्तेमाल करना हो, बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट का URL ही एंटर करें. बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट का URL बैंक द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है.

कंपनी के कस्टमर केयर नंबर

गूगल (Google) पर सर्च करने वाले की वर्डस में ज्यादातर कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर भी हैं. ऐसा तब हम करते हैं जब हम किसी कंपनी के प्रोडक्ट की शिकायत करने के लिए उसका कस्‍टमर केयर नंबर नहीं जानते और गूगल (Google) का सहारा लेते हैं. यहीं हम मात खा जाते हैं. हैकर्स कंपनियों के फेक हेल्पलाइन नंबर को गूगल (Google) सर्च में प्रमोट करते हैं, जिसकी वजह से जैसे ही आप कस्टमर केयर नंबर गूगल (Google) में सर्च करेंगे, आपको फेक हेल्पलाइन नंबर मिल सकता है. जैसे ही आप इस नंबर पर कॉल करेंगे, आपकी निजी जानकारियां हैकर्स तक पहुंच सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली पुलिस का TATPAR एप अब ऐसे करेगा आपकी सहायता और सुरक्षा

उपायःआप हमेशा प्रोडक्ट पर मेंशन किए गए हेल्प लाइन नंबर या फिर कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर का ही इस्तेमाल करें.

ऐप या सॉफ्टवेयर

गूगल (Google) सर्च में कई बार फिशिंग या फर्जी ऐप्स और सॉफ्टवेयर भी हो सकते हैं जो हमारे डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में हमें ऐप को गूगल (Google) प्ले स्टोर या एप्पल के ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः जानें क्‍या है ई-सिगरेट (E-cigarette) , दुनिया के इन देशों में भी है बैन, अब भारत में भी लगा प्रतिबंध

उपायः सॉफ्टवेयर के लिए कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट के जरिए ही डाउनलोड करना चाहिए.

सरकारी वेबसाइट

आजकल सरकारी वेबसाइट के जरिए हैकर्स डुप्लीकेट वेबसाइट प्रमोट करने लगे हैं. अगर आप गूगल (Google) सर्च के जरिए सरकारी वेबसाइट पर जाते हैं तो संभव है आप फर्जी वेबसाइट का शिकार हो जाएं. सरकारी वेबसाइट के अंत में gov.nic.in जरूर मेंशन होता है.

यह भी पढ़ेंःशराब पीकर पहना यह हेलमेट तो पुलिस और घर वालों को भेज देगा मैसेज

उपायः किसी भी सरकारी वेबसाइट के अंत में .com नहीं होता अतः वेब अड्रेस को देखकर ही किसी भी सरकारी वेबसाइट को खोलें.

सोशल मीडिया वेबसाइट

सरकारी वेबसाइट के अलावा सोशल मीडिया वेबसाइट भी हैकर्स के लिए आसान टारगेट होता है. ऐसे में सोशल मीडिया वेबसाइट को URL दर्ज करके ही ओपन करें, नहीं तो आपकी निजी जानकारियां लीक हो सकती हैं.

ई-कॉमर्स

हैकर्स इन ई-कॉमर्स साइट्स का फर्जी पोर्टल प्रमोट कर करते हैं. आप शॉपिंग करने के लिए अपनी कार्ड डिटेल्स को दर्ज करेंगे तो इसकी जानकारी हैकर्स तक पहुंच सकती है और आपको वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ेंःअंधेरे के आगोश में समा रहा विक्रम लैंडर, डूबने लगी है उम्मीद की हर किरण

उपायः ई-कॉमर्स साइट्स का अथेंटिक यूआरएल ही टाइप करें.

एंटी वायरस

कभी भी गूगल (Google) पर एंटी वायरस भी नहीं सर्च करना चाहिए. एंटी वायरस की जगह पर आप गलती से वायरस वाले सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं. जिसकी वजह से आपका कम्प्यूटर या फिर डिवाइस खराब हो सकता है.

कूपन कोड्स

कैशबैक और गिफ्ट के चक्कर में कूपन कोड्स सर्च करते हैं तो फर्जी कोड्स के शिकार हो सकते हैं. जैसे ही आप इन फर्जी प्रोमो कोड या कूपन कोड को शॉपिंग करने में इस्तेमाल करेंगे, आपकी बैंकिंग जानकारी चोरी हो सकती है.