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दूध को लेकर सरकार ने बनाए नए नियम! दूध में नहीं मिलेंगे एंटीबायोटिक और कैमिकल

फूड रेगुलेटर FSSAI ने डेयरी और दूध (FSSAI Milk Standards 2019) से जुड़ी कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं. नए आदेश के मुताबिक, मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना जरूरी होगा

Updated on: 13 Dec 2019, 06:23 PM

नई दिल्ली:

दूध और दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह खबर ध्यान से पढ़नी चाहिए. दूध में मिलावट और हानिकारक कैमिकल का उपयोग होने के मामलों के बाद सरकार कुछ सख्त नियम लाने जा रही है. फूड रेगुलेटर FSSAI ने डेयरी (FSSAI Milk Standards 2019) और दूध से जुड़ी कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं. अब नए आदेश के मुताबिक, मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना जरूरी होगा. सरकार ने यह फैसला बड़ी कंपनियों के दूध में एंटीबायोटिक और बाकी कैमिकल पाए जाने के कुछ मामलों के सामने आने के बाद लिया है.

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मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होगा जरूरी
जून 2020 से नए नियम लागू होने जा रहे हैं. इसके तहत मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना जरूरी होगा. हाल में किए गए National Milk Survey में बड़ी दूध कंपनियों के सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम-1 और बाकी कैमिकल पाए जाने के बाद FSSAI ने नया आदेश जारी किया है. सर्वे में कुछ सैंपल में पेस्टीसाईड और हेवी मेटल भी पाए गए थे. इसके बाद FSSAI ने कैटल फीड के स्टैंडर्ड्स बनाए हैं. खराब चारे के कारण ही दूध में कई प्रकार के कैमिकल पाए जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब BIS मार्क वाले चारे का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है.

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क्या काम करता है एफएसएसएआई
FSSAI का काम देश में खाना बनाने, स्टोर करने, डिस्ट्रीब्यूट करने, विदेशों से भारत में लाना और बेचने संबंधी सभी खाद्य पदार्थों को रेगुलेट करने का काम FSSAI करता है. एफएसएसएआई, भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आता है. यह देश के सभी राज्‍यों, जिला एवं ग्राम पंचायत स्‍तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के तय मानक को बनाए रखने में सहयोग करता है. अक्सर आप त्योहारों पर खाद्य. दुकानों पर छापेमारी की खबरें सुवते हैं. यह छापेमारी इसी विभाग की ओर से की जाती है.