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ममता बनर्जी को पश्‍चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में सोमवार को एक याचिका दायर कर पश्‍चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को हटाने के लिए राज्‍यपाल (Governor) को निर्देश देने की मांग की गई है.

Updated on: 06 Jan 2020, 03:21 PM

नई दिल्‍ली:

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में सोमवार को एक याचिका दायर कर पश्‍चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को हटाने के लिए राज्‍यपाल (Governor) को निर्देश देने की मांग की गई है. पिछले दिनों ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) की निगरानी में जनमत संग्रह (Referendum) कराने की मांग की थी. याचिका में ममता बनर्जी की इसी मांग का विरोध करते हुए उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई है.

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पिछले साल 20 दिसंबर को ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मामले में UN जैसी किसी संस्था की निगरानी में लोगों की राय लेने की वकालत की थी. ममता बनर्जी ने कहा था कि जनमत संग्रह में जो भी पक्ष हारे, उसे इस्‍तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी ने ममता बनर्जी के इस बयान की कड़ी आलोचना की थी. दो दिन बाद दिल्‍ली के रामलीला मैदान में रैली करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला था. पीएम मोदी ने कहा था- 'ममता दीदी कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं. कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश के घुसपैठियों को रोका जाए. वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए. संसद में स्पीकर के सामने कागज फेंकती थी.'

पीएम नरेंद्र मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा था- दीदी! अब आपको क्या हो गया? आप क्यों बदल गईं? अब आप क्यों अफवाह फैला रही हों? चुनाव आते हैं, जाते हैं, सत्ता मिलती है चली जाती है, मगर आप इतना क्यों डरी हो. बंगाल की जनता पर भरोसा करो, बंगाल के नागरिकों को आपने दुश्मन क्यों मान लिया है?

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इससे पहले कुछ दलों ने जम्‍मू-कश्मीर में अनुच्‍छेद 370 को हटाने के मसले पर भी जनमत संग्रह कराने की मांग की थी. आम आदमी पार्टी के नेता रहे प्रशांत भूषण ने कश्मीर मामले पर जनमत संग्रह की पुरजोर वकालत की थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था.