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पश्चिम बंगाल: हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की बैठक खत्म, आंदोलन रखेंगे जारी

पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की जीबी बैठक खत्म हो गई है लेकिन उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है. वहीं अंतिन फैसला लेने के लिए एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों की बैठक की जाएगी.

Updated on: 15 Jun 2019, 02:55 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की जीबी बैठक खत्म हो गई है लेकिन उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है. वहीं अंतिन फैसला लेने के लिए एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों की बैठक की जाएगी. बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिए आमंत्रण दिया था. इस आमंत्रण को ठुकराते हुए उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी. ममता ने नाबाना में शाम 5 बजे बैठक बुलाया है, जिसमें कोई जूनिय डॉकटर्स शामिल नहीं होंगे. वहीं न्यूरो साइंस संस्थान में सीएम ममता बनर्जी घायल जूनियर डॉक्टर परिवाहा मुखोपाध्याय को देखने भी जा रही हैं. 

बता दें कि डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई. मुख्यमंत्री ने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों को बैठक में आमंत्रित किया था. एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने दो सहकर्मियों पर हमले के विरोध में हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने शुक्रवार को कहा कि ममता बनर्जी को बिना शर्त माफी मांगनी होगी. इसके साथ ही उन्होंने अपनी हड़ताल वापस लेने के लिए राज्य सरकार के समक्ष छह शर्तें रखी हैं.

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जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, 'हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे. उन्हें (मुख्यमंत्री) नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में बृहस्पतिवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी.'

दत्ता ने कहा, 'यदि वह एसएसकेएम जा सकती हैं तो वह एनआरएस भी आ सकती हैं...अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा.' डाक्टरों के 'हमें न्याय चाहिए' के नारों के बीच सरकार संचालित अस्पताल एसएसकेएम के दौरे के दौरान बनर्जी ने कहा था कि मेडिकल कॉलेजों में बाहरी लोग व्यवधान पैदा कर रहे हैं और वर्तमान आंदोलन माकपा औरबीजेपी का षड्यंत्र है.

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हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार की रात बनर्जी द्वारा राज्य सचिवालय में बुलाई गई बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया और कहा कि यह उनके आंदोलन को तोड़ने की चाल है. वरिष्ठ डॉक्टर सुकुमार मुखर्जी ने कहा कि शुक्रवार की रात हड़ताली डॉक्टरों के बैठक में न पहुंचने के बाद बनर्जी ने छात्रों से शनिवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय आने को कहा है.

मुखर्जी ने अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों (जो हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं) के साथ शुक्रवार को बनर्जी से मुलाकात की. समस्या का समाधान निकालने के लिए बनर्जी और वरिष्ठ डॉक्टरों के बीच सचिवालय में दो घंटे तक बैठक चली.

इस बीच, अपने साथियों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के 300 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने संकट का समाधान निकालने के लिए कल शाम बनर्जी को बैठक के लिए राजभवन आमंत्रित किया. बनर्जी ने हालांकि कोई जवाब नहीं दिया.

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त्रिपाठी शुक्रवार की रात हमले के शिकार डॉक्टर परिबाहा मुखोपाध्याय को देखने एक अस्पताल पहुंचे. उन्होंने डॉक्टर से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की. मैंने उन्हें बुलाया था. उनकी तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. यदि वह मुझसे मिलती हैं तो हम मामले पर चर्चा करेंगे.'

इस बीच, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताली डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए बनर्जी को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि साथी डॉक्टरों की मांगें पूरी न किए जाने पर वे भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे