पश्चिम बंगाल (west bengal) में बुलबुल चक्रवात (Bulbul Cyclone) का कहर, करीब 5 लाख परिवार प्रभावित, 10 की मौत
चक्रवात ‘बुलबुल’ बांग्लादेश की ओर बढ़ने से पहले पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में दस्तक दे चुका है. बंगाल के 1.78 लाख लोगों को राज्य में नौ जगहों पर बने राहत शिविरों में भेजा गया है.
नई दिल्ली:
चक्रवात ‘बुलबुल’ बांग्लादेश की ओर बढ़ने से पहले पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में दस्तक दे चुका है. चक्रवात के प्रभाव से राज्य के विभिन्न हिस्सों में 10 लोगों की मौत हो गयी और लगभग 5 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं. रविवार को आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी. गंभीर चक्रवात के कारण रविवार सुबह तक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ उखड़ गये और शहर में तथा उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में बिजली के तार टूट गये, जिससे जनजीवन थम गया. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के पास तटीय जिलों में चक्रवात के कारण 2,473 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और अन्य 26,000 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. मछली पालन वाले शहर बक्खाली और नामखाना सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि तूफान में लगभग 5 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं, 1.78 लाख लोगों को राज्य के नौ जगहों पर बने राहत शिविरों में भेजा गया है. अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ उत्तर परगना में चक्रवात ‘बुलबुल’ के कारण अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी. चक्रवात ‘बुलबुल’ के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले सप्ताह उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. वह सोमवार को नामखाना और बक्खाली के आसपास के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी से बातचीत की और इस आपदा से निपटने के लिये राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जिले के बशीरहाट इलाके में पुरबा मकाला गांव में 70 वर्षीय सुचित्रा मंडल पर एक पेड़ गिर पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गयी. गोखना गांव में कई पेड़ उखड़ गये, इनमें एक पेड़ की चपेट में आने से रेबा बिस्वास (47) की मौत हो गयी.
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अधिकारी ने बताया कि जिले में एक लैम्प पोस्ट के संपर्क में आने से बिजली का झटका लगने से मनिरुल गाजी (59) की मौत हो गयी. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में दो और लोगों के मरने की सूचना है जिनमें से एक व्यक्ति की मौत दीवार ढहने से और अन्य की मौत पेड़ गिरने के कारण उसकी चपेट में आने से हुई. पूर्वी मिदनापुर में भी एक गिरते पेड़ की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले में चक्रवात जनित घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज फिशिंग हार्बर में एक मछुआरे का शव बरामद हुआ है. अधिकारी ने बताया कि फ्रेजरगंज से आठ अन्य मछुआरे और चार मछली पकड़ने वाले जहाज अब भी लापता हैं.
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इससे पहले शनिवार को तटीय इलाकों में चक्रवात के दस्तक देने से पहले शहर में भारी बारिश के दौरान देवदार के एक पेड़ की शाखा टूटकर गिर जाने से उसकी चपेट में आकर एक जाने माने क्लब के कर्मचारी की मौत हो गयी. मंत्री ने बताया कि चक्रवात में जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके बीच 46,000 तिरपाल बांटे गये हैं. शनिवार को पूरे दिन महानगर में मूसलाधार बारिश होती रही जिससे लोग घरों के अंदर रहे. तटीय जिलों दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर और उत्तर 24 परगना जिले के आसपास के इलाकों में 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. चक्रवात ने वहां शनिवार करीब मध्यरात्रि में दस्तक दी थी. शनिवार दिनभर महानगर में मूसलाधार बारिश होती रही जिससे लोग घरों के अंदर रहे. सैकड़ों पेड़ों के उखड़ने से शहर के कई हिस्सों में सड़कें जाम रहीं, हालांकि मौसम में सुधार के बाद कई लोग रविवार दोपहर अपने-अपने घरों से निकले.
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कोलकाता नगर निगम (केएमसी), पुलिस और दमकल कर्मियों के साथ एनडीआरएफ गिरे हुए पेड़ों और टहनियों के कारण जाम हुई सड़कों को साफ करने में जुटा है. केएमसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने कर्मियों को सड़कों को साफ करने और निचले इलाकों से जल निकासी के काम में लगाया है. हमें उम्मीद है कि यह काम रात तक खत्म हो जायेगा.’ खान ने कहा कि जड़ से उखड़ चुके पेड़ों को जल्द से जल्द हटाने के लिये सभी आपात सेवाएं काम कर रही हैं. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार दोपहर एक बुलेटिन में कहा कि सुंदरबन धानची वन के करीब पहुंचने से पहले बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान कमजोर होकर गंभीर चक्रवात में तब्दील हो गया. इसके बाद यह पूर्वी-उत्तर पूर्व की दिशा में बांग्लादेश के तट की ओर बढ़ेगा. मौसम विभाग ने उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और नादिया जिलों में दोपहर साढ़े 12 बजे से अगले छह घंटे से अधिक समय तक मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को ट्वीट किया, ‘गंभीर चक्रवात तूफान ‘बुलबुल’ के कारण मैंने आगामी सप्ताह में उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. इसके बजाय कल मैं नामखाना और बक्खाली के आसपास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करूंगी.’ उन्होंने कहा, ‘बाद में मैं चक्रवात प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास की समीक्षा के लिये प्रशासन के साथ काकद्वीप में बैठक करूंगी. 13 नवंबर, 2019 को उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने की मेरी योजना है.’ राज्य के ऊर्जा मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा चक्रवात के कारण इलाकों में बिजली के तार गिरने की वजह से बाधित हुई बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिये उपाय किये जा रहे हैं. इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर बातचीत की और आपदा से निपटने के लिये राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘चक्रवात के हालात और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.’
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