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CAA-NRC: कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को लगाई कड़ी फटकार, ये काम तुरंत बंद करने को कहा

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. कहीं इसके विरोध में तो कहीं इसके पक्ष में.

Updated on: 23 Dec 2019, 02:58 PM

highlights

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है. 
  • पश्चिम बंगाल सरकार और सीएम ममता बनर्जी NRC और CAA जमकर विरोध कर रही हैं.
  • इसी के साथ वो ये भी कह रही हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होने देंगी. 

कलकत्ता:

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सरकार तो निर्देश दिया है कि राज्य सरकार तुरंत ऐसे  advertisements बंद करे जिनमें कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) राज्य में लागू नहीं किए जाएंगे. इसी के साथ कलकत्ता हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए 9 जनवरी 2020 की नई डेट भी दी है. 

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. कहीं इसके विरोध में तो कहीं इसके पक्ष में. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के ऊपर आरोप लगाया है कि विपक्ष वोटबैंक की राजनीति करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहा है और इस कानून के बारे में आम लोगों को बर्गला रहा है. जबकि विपक्षी पार्टियां सीएए का विरोध करते हुए इसको वापस लेने की मांग पर अड़ गई हैं.

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पीएम मोदी की 22 दिसबंर को हुई आभार रैली में उन्होंने कहा था कि नागरिकता देने का कानून बीजेपी का नहीं बल्कि पिछली सरकारों का है, हमारी सरकार ने तो बस इसे लागू किया है. इसी के साथ रैली में पीएम मोदी ने जानकारी दी कि ये कानून नागरिकता देने का है नागरिकता लेने का नहीं है, तो हमारे देश में रह रहे मुस्लिम भाइयों को परेशान होने की जरूरत ही नहीं है.

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जबकि पश्चिम बंगाल सरकार और सीएम ममता बनर्जी NRC और CAA जमकर विरोध कर रही हैं. इसी के साथ वो ये भी कह रही हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होने देंगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग भी है कि नागरिकता कानून वापस लिया जाना चाहिए.