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पश्चिम बंगाल: बच्चों को तो धर्म की अफीम से दूर रखो, ममता बनर्जी से बोली BJP

पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश वियवर्गीय ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ममता सरकार के इस फैसले से धार्मिक विभेद पनपने का खतरा पैदा हो गया है

Updated on: 29 Jun 2019, 09:06 AM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल सरकार के अल्पसंख्यक बच्चों के पढ़ने वाले स्कूलों में डाइनिंग हॉल बनाने के आदेश पर अब बीजेपी के महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश वियवर्गीय ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ममता सरकार के इस फैसले से धार्मिक विभेद पनपने का खतरा पैदा हो गया है.

उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'ममता राज में स्कूलों में धर्म की खाई है. पश्चिम बंगाल में अब मुस्लिम बहुल इलाकों के सरकारी स्कूलों में अलग डाइनिंग हॉल बनेंगे. ममता सरकार के इस आदेश से शिक्षा के मंदिरों में धार्मिक विभेद पनपने का खतरा पैदा हो गया है.बच्चों को तो धर्म की अफीम से दूर रखों.'

इससे पहले पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी इस मामले में ममता सरकार पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, धर्म के आधार पर लोगों को बांटा जा रहा है. ममता बनर्जी का फैसला ठीक नहीं है.

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वहीं मामले पर विवाद बढ़ता देख ममता बनर्जी का बयान भी सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि इसको लेकर जो सर्कुलर जारी किया गया है उसमें केंद्र सरकार की गाइडलाइन का ही पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा, सर्कूलर में साफ तौर पर कहा गया है कि जिन स्कूलों में अल्पलसंख्यक बच्चों की संख्या 70 फीसदी से ज्यादा होगी वहीं अल्पलसंख्यक मंत्रालय के कल्याण विभाग की ओर से फंड जारी किया जाएगा. ये पूरी तरह से टेक्निकल मामला है.

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इससे पहले ममता सरकार की तरफ भी इस मामले पर सफाई दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रोजेक्ट है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री गियासुद्दीन मोल्ला ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में फंड अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया है, इसलिए इसका इस्तेमाल केवल उन्हीं स्कूलों में हो सकता है जहां अल्पसंख्यक बच्चों की तादाद ज्यादा हो.