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बंगाली फिल्मों के अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे तपस पाल का निधन

बंगाली फिल्मों के अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे तपस पाल (61) का मंगलवार तड़के निधन हो गया. मुंबई के अंधेरी स्‍थित एक अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा था.

Updated on: 18 Feb 2020, 09:05 AM

नई दिल्‍ली:

बंगाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता एवं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तपस पॉल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 61 साल के थे. परिवारिक सूत्रों ने बताया कि पॉल अपनी बेटी से मिलने मुम्बई गए थे. कोलकाता लौटते समय मुम्बई हवाई अड्डे पर उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां मंगलवार तड़के करीब चार बजे उनका निधन हो गया. उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से लगातार उनका इलाज चल रहा था. तपस पॉल शारदा चिट फंड मामले में वह आरोपी थे और कुछ समय के लिए जेल भी गए थे.

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पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है. सीबीआई ने 2016 में रोज़ वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी. इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी. उन्होंने ‘साहेब’ (1981), ‘परबत प्रिया’ (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा’ (1985), ‘अनुरागर चोयन’ (1986) और ‘अमर बंधन’ (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी. फिल्म ‘साहेब’ (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर’ पुरस्कार भी मिला था.

कई बॉलीवुड फिल्मों में भी तपस पॉल ने काम किया था. बॉलीवुड में उन्‍होंने 'अबोध' फिल्म से डेब्यू किया था, जिसमें उनके अपोजिट माधुरी दीक्षित अभिनेत्री थीं. रोज वैली चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने उन्‍हें दिसंबर 2016 में गिरफ्तार किया था. पॉल को 13 महीने बाद जमानत मिली थी.

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उनकी मौत की खबर से सिनेमा और राजनीति जगत की हस्तियां शोक में हैं. वह साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे. तपस पॉल का जन्म 29 सितंबर 1958 को हुआ था. 22 साल की उम्र में उन्‍होंने करियर की शुरुआत की थी. 'दादर कीर्ति' फिल्म से उन्‍होंने अभिनय की शुरुआत की थी. 80 के दशक में उन्होंने कामयाबी को छुआ. 'साहब', 'परबत प्रिया', 'भलोबासा भलोबासा', 'अमर बंधन', 'अनुरागेर चोयान' आदि फिल्‍में उनकी बैक-टू-बैक सुपरहिट रही. 1981 में रिलीज फिल्म 'साहब' के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.