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विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट सोमवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए गए.

Updated on: 28 Oct 2019, 09:28 PM

उत्तरकाशी:

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट सोमवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए गए. गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा विशेष पूजा और गंगा लहरी के पाठ के बीच पूर्वाहन 11 बज कर 40 मिनट पर बंद किए गए. मंदिर के धर्माधिकारियों और श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान भी कपाट बंद होने के मौके पर मौजूद थे. 

इससे पहले, सुबह आठ बजे उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया और पूर्वाहन 11 बज कर 40 मिनट पर अमृत बेला के शुभ मुर्हूत पर कपाट बंद किए गए. कपाट बंद होने के बाद डोली में सवार होकर मां गंगा की मूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा. दोपहर एक बजे तीर्थ पुरोहित गंगा की डोली को लेकर सेना के बैंड की धुन के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए पैदल रवाना हुए. अब शीतकाल में मां गंगा के दर्शन मुखबा में किए जा सकेंगे.

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही गढ़वाल हिमालय की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के समापन की भी शुरूआत हो गयी है. कल भैयादूज के त्योहार पर यमुनोत्री मंदिर और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे जबकि सबसे अंत में 17 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होंगे. सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फवारी की चपेट में रहने वाले चारों धामों के कपाट अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिएं बंद कर दिएं जाते हैं जो अगले वर्ष अप्रैल-मई में दोबारा खुलते हैं.