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छात्रवृत्ति घोटाले में हाईकोर्ट के चाबुक का असर, एसआईटी ने गिरफ्तार संयुक्त निदेशक को भेजा जेल

एसआईटी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों से इस घोटाले के तार जुड़े पाए थे। एसआईटी की जांच के बाद उत्तराखंड राज्य भर में ताबड़तोड़ मामले भी दर्ज हुए

Updated on: 02 Nov 2019, 12:35 PM

देहरादून:

उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग अफसर, कर्मचारियों और दलालों द्वारा करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हेराफेरी में हाईकोर्ट के चाबुक ने असर दिखाना शुरू कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों से इस घोटाले के तार जुड़े पाए थे। एसआईटी की जांच के बाद उत्तराखंड राज्य भर में ताबड़तोड़ मामले भी दर्ज हुए। फिलहाल विद्यार्थियों के धन से अपनी जेब भरने के काले-कारोबार में गिरफ्तार समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक को जेल भेज दिया गया है।

जेल भेजे गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक का नाम गीताराम नौटियाल है। गीताराम नौटियाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। जेल भेजने का आदेश अपर जिला जज श्रीकांत पांडेय की अदालत द्वारा सुनाया गया। इस मामले में जेल से बचने के लिए आरोपी द्वारा शुक्रवार को जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी। इस अर्जी पर अब 4 नवंबर को सुनवाई होगी।

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संयुक्त निदेशक को जेल भेजे जाने की पुष्टि शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने भी मीडिया से बातचीत में की। जेल भेजा गया संयुक्त निदेशक गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गया था। वहां से जब उसे कोई राहत नहीं मिली तो उसने गुरुवार को सिडकुल थाने जाकर खुद को पुलिस के सामने पेश कर दिया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को विशेष सतर्कता जज की अदालत में पेश किया था। फिलहाल अदालत के आदेश के मुताबिक आरोपी 14 नवंबर तक जेल में ही रहेगा।

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गौरतलब है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में यूं तो अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मगर संयुक्त निदेशक की गिरफ्तारी उन सबमें सबसे अहम और बड़ी मानी जा रही है। इस घोटाले में कई और रहीस घोटालेबाजों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी द्वारा छापेमारी बदस्तूर जारी है। एसआईटी के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि "इस घोटाले में जो कुछ अब तक सामने निकल कर आया है, उससे लगता है कि यह घोटाला तमाम शिक्षण संस्थानों के मालिकों की भी मिली भगत से किया गया है। ऐसे में कई नामी गिरामी शिक्षण संस्थानों को संचालित करने वाली कई बड़ी मछलियां भी गिरफ्तार होकर जेल जाएंगी। इसमें संदेह नहीं है।"