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हरेला के मौके पर मुख्यमंत्री ने लगाया पीपल का पौधा, बीज बम की शुरुआत की

उत्तराखंड में कई त्योहार प्रकृति और संस्कृति को समर्पित हैं. इन्हीं में एक नाम है हरीला जो हरियाली का प्रतीक है और सावन के आगमन और प्रकृति को समर्पित है.

Updated on: 16 Jul 2019, 02:17 PM

देहरादून:

उत्तराखंड में कई त्योहार प्रकृति और संस्कृति को समर्पित हैं. इन्हीं में एक नाम है हरीला जो हरियाली का प्रतीक है और सावन के आगमन और प्रकृति को समर्पित है. हरीला सप्ताह के अंतर्गत उत्तराखंड वन महकमे ने वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत, और पीसीसीएफ जयराज वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत मौजूद रहे.

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इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को सावन के महीने में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक पेड़ भी लगाए गा तो प्रदेश में करोड़ों नए पेड़ अगले कुछ महीनों में तैयार हो जाएंगे. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पीपल के पेड़ को लगाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने बीज बम अभियान की शुरुआत की.

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हरेला के मौके पर उत्तराखंड वन महकमे के मुखिया जयराज ने कहा ''उत्तराखंड नदियों और जंगलों का प्रदेश है और ऐसे में पारिस्थितिकी तंत्र को और बेहतर करने के लिए लोगों को बढ़-चढ़कर वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आगे आना होगा.'' इस दौरान पीसीसीएफ जयराज ने बताया कि प्रदेश में लोगों को इस समय वन विभाग निशुल्क पौधे वितरित कर रहा है लोगों को जिस प्रजाति के पेड़ चाहिए वन महकमा उन्हें वह सारे पेड़ प्रदान करेगा.

बीज बम अभियान

वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ साथ बीज बम अभियान की भी शुरुआत की गई. बीज बम अभियान को लेकर पर्यावरण मित्र द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया की गीली मिट्टी में खाद मिलाकर उसमें बीज को मिट्टी की एक बॉल बनाकर उसके अंदर डाल दिया जाता है जिसके बाद क्रिकेट बॉल की तरह थ्रो करके इन्हें फेंका जाता है. जंगल के वह स्थान जहां वृक्षारोपण के लिए नहीं जाया जा सकता वहां इस तरह से बीज बम के जरिए वृक्षारोपण किया जा सकता है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी बीज बम फेंककर कई जगह पौधों के बीज डालें.