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प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत पिथौरागढ़ का उपचुनाव लड़ने को तैयार, त्रिवेंद्र रावत ने दी जानकारी

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव बीत जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की निगाहें पिथौरागढ़ सीट पर है. यहां पर त्रिवेन्द्र सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रकाश पंत के दिवंगत होने पर चुनाव होना है.

Updated on: 31 Oct 2019, 12:13 PM

देहरादून:

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव बीत जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की निगाहें पिथौरागढ़ सीट पर है. यहां पर त्रिवेन्द्र सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रकाश पंत के दिवंगत होने पर चुनाव होना है. यह उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपने जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश कर रही है. लेकिन प्रत्याशी के चयन को लेकर बीजेपी की पशोपेश खत्म होने जा रही है. पार्टी संगठन स्वर्गीय प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को विधानसभा प्रत्याशी घोषित करना चाहता है. चंद्रा पंत भी चुनाव लड़ने के लिए राजी हो चुकी है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गुरुवार को मीडिया को यह जानकारी दी. 

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राज्य के मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चंद्रा पंत को ही चुनाव मैदान में उतारने का एलान किया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी की पिथौरागढ़ उपचुनाव में प्रत्याशी चंद्रा पंत होंगी. उन्होंने बताया कि चंद्रा पंत चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो चुकी हैं. सीएम ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को चंद्रा पंत के नाम पर अंतिम फैसला लेना है. बीजेपी प्रदेश संगठन की ओर से आलाकमान को उनका नाम भेजा जा रहा है. आलाकमान की मंजूरी के बाद उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाएगा. साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की भारी मतों से जीत का दावा किया.

गौरतलब है कि पिथौरागढ़ उपचुनाव त्रिवेंद्र रावत सरकार की दूसरी परीक्षा है. कहा जाता है कि उपचुनाव सत्ताधारी दल के पक्ष में जाता है, लेकिन कई बार बाजी पलट भी जाती है. ऐसे में सरकार के आधे कार्यकाल के बाद हो रहा उपचुनाव काफी अहम होगा. पिथौरागढ़ विधानसभा सीट कुमाऊं मंडल की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. 2017 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी. ऐसे में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी इस सीट को बरकरार रखने की पुरजोर कोशिश कर रही है. पिथौरागढ़ सीट पर कांग्रेस का जलावा रह चुका है.

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ऐसे में विपक्षी को कमजोर समझना ठीक नहीं है. कांग्रेस पार्टी भी इस सीट को जीतकर अपनी खोयी साख को वापस पाना चाहती है. इस सीट पर दोनों दलों के लोग अपनी निगाहें लगाए हुए हैं. कांग्रेस से 2017 में चुनाव लड़ चुके मयूख महर के चुनाव लड़ने की सुबुगुहाट तेज है. मयूर चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं, हालांकि एक धड़ा यहां से हरीश रावत को मैदान में उतारने की बात कर रहा है. फिलहाल पिथौरागढ़ में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की निगाहे हैं.

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