logo-image

उत्तराखंड में तबलीगियों पर कत्ल की कोशिश और कत्ल का मुकदमा दर्ज होगा : डीजीपी

राज्य पुलिस में इलाके में छिपे तबलीगियों को दो टूक ऐलान करके आगाह कर दिया है कि वे या तो खुद ही खुद को पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले कर दें. वरना आज आधी रात के बाद पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने को आजाद होगी.

Updated on: 06 Apr 2020, 06:13 PM

देहरादून:

सोमवार-मंगलवार (6-7 मार्च 2020) की मध्य रात्रि से उत्तराखंड पुलिस 'तबलीगी-तंत्र' को तहस-नहस करने पर उतर आयेगी. राज्य पुलिस में इलाके में छिपे तबलीगियों को दो टूक ऐलान करके आगाह कर दिया है कि वे या तो खुद ही खुद को पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले कर दें. वरना आज आधी रात के बाद पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने को आजाद होगी. सख्त कानूनी कदम भी किसी हल्की कानूनी धाराओं में नहीं. सीधे-सीधे पहले हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा-307) उसके बाद अगले कदम के तहत सीधे-सीधे हत्या (आईपीसी की धारा-302) यानी कत्ल का मुकदमा तबलीगियों पर दर्ज कर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ेंः भारतीय रेलवे ने तैयार किए 40 हजार आइसोलेशन बेड, 2500 डिब्बों को बना दिया आधुनिक अस्पताल

सोमवार को यह जानकारी उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजी पुलिस) अनिल कुमार रतूड़ी ने दी. डीजीपी ने आगे कहा कि पुलिस की किसी से कोई ज्यादती/ निजी दुश्मनी नहीं है. कोरोना के इस बुरे दौर में समाज जिन हालातों से गुजर रहा है? ऐसे हालातों में भी संदिग्ध तबलीगी जिस तरह का अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं. देश में तमाम तबलीगी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भी खुद को समाज के लोगों से अलग करने के बजाये हमारे-आपके ही बीच छिपने की कोशिश कर रहे हैं, उनका यह कृत्य किसी जखन्य अपराध से कम नहीं है.

यह भी पढ़ेंः तबलीगी जमात की वजह से भारत में बढ़ रहा है कोरोना, 24 घंटे में 693 नए केस, टोटल संख्या 4067 पहुंचा

डीजीपी उत्तराखंड ने आगे कहा कि राज्य पुलिस का हर थाना चौकी और उन पर तैनात इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही-हवलदार तक संदिग्ध तबलीगियों से बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि, वे खुद को स्वास्थ्य विभाग या पुलिस टीमों के हवाले कर दें. ताकि वक्त रहते उन्हें क्वारंटाइन कराके कम से कम बाकी स्वस्थ लोगों को तो कोरोना पॉजिटिव होने से बचाया जा सके. इन तमाम गुजारिशों का तबलीगियों पर कोई असर नहीं हो रहा है. लिहाजा अपने खिलाफ हत्या की कोशिश और जरुरत पड़ने पर पुलिस को हत्या तक की धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज करने को तबलीगियों ने ही मजबूर किया है.

इस बाबत राज्य पुलिस महानिदेशालय ने 5 अप्रैल 2020 को एक आदेश जारी किया था. आदेश में राज्य में छिप कर रह रहे तबलीगियों से कहा गया कि वे 6 अप्रैल 2020 यानि आज सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि तक खुद को स्वास्थ्य विभाग या फिर पुलिस के हवाले कर दें. ताकि उन्हें एहतियातन बाकी समाज के स्वस्थ्य लोगों से अलग करने के लिए कोरोंटाइन कराया जा सके.

यह भी पढ़ेंः COVID-19 पर पूरा सच बताये चीन, कोरोना वायरस से स्वस्थ हुए अमेरिकी वकील ने कहा

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि अगर इस आदेश के बाद यानि सोमवार-मंगलवार आधी रात के बाद राज्य के किसी भी कोने में कोई छिपा हुआ कोरोना संदिग्ध तबलीगी मिला, तो पुलिस उसके खिलाफ सीधे-सीधे आईपीसी की धारा 307 यानि हत्या की कोशिश का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करके क्वारंटाइन करायेगी.

डीजीपी रतूड़ी के मुताबिक, पुलिस या फिर स्वास्थ्य विभाग की टीमें सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि के बाद राज्य में अगर किसी कोरोना संदिग्ध तबलीगी जमाती को पकड़ती हैं और इसके बाद अगर उस तबलीगी वाले इलाके में किसी आम नागरिक की कोरोना से मौत होती है, तो उस मौत की जिम्मेदारी सीधे-सीधे इलाके से पकड़े गये तबलीगी की ही मानी जायेगी. साथ ही उस मौत के लिए तबलीगी जमात सदस्य के खिलाफ हत्या मुकदमा आईपीसी की धारा-302 के तहत दर्ज कर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ेंः पेट्रोल-डीजल पर मोदी सरकार ने कमाए 20 लाख करोड़ रुपये, जनता से साझा करे मुनाफा : कांग्रेस

राज्य के पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की सीमा में कहीं भी अगर किसी को कोई संदिग्ध तबलीगी जमाती नजर आये तो, उसकी सूचना तुरंत पुलिस विभाग या स्वास्थ्य विभाग को दें. इसके लिए 0135-2722100 (कोविड हेल्पलाइन) पर भी सूचना दी जा सकती है. उत्तराखंड राज्य पुलिस अगर किसी भी तबलीगी जमाती के खिलाफ कोरोना के इस दौर में हत्या की कोशिश या हत्या का मामला दर्ज करती है, तो यह हिंदुस्तान का पहला ऐसा राज्य बन जायेगा, जिसने तबलीगियों के खिलाफ इतने कठोर कदम उठाये होंगे. अन्यथा अभी तक किसी भी राज्य पुलिस ने तबलीगियों के खिलाफ इतना सख्त कदम उठाने के बारे में अभी तक कोई ऐलान या आदेश नहीं किया है.