logo-image

आधी रात को हिली उत्तराखंड की धरती, चमोली में 3.6 की तीव्रता से आया भूकंप

उत्तराखंड में कुदरती कहर का सिलसिला अभी तक रुका है. प्राकृतिक आपदाओं की वजह से राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों की जिंदगी आफत में पड़ी है.

Updated on: 12 Sep 2019, 01:14 PM

देहरादून:

उत्तराखंड में कुदरती कहर का सिलसिला अभी तक रुका है. प्राकृतिक आपदाओं की वजह से राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों की जिंदगी आफत में पड़ी है. जहां एक ओर आसमान से बरसते पानी ने मुसीबतें बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर धरती के अंदर की हलचल से लोग सहमे और डरे हुए हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले में आज की रात लोगों की नींद उड़ी रही. देर रात चमोली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए.

यह भी पढ़ेंः गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी ट्रैफिक चालान हुआ कम

उत्तराखंड के चमोली जिले में देर रात करीब 2 बजे हल्का भूकंप आया. गोपेश्वर, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, देवाल और घाट क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है. भूकंप का केंद्र चमोली में जमीन से 14 किलोमीटर की गहराई में था. डर की वजह से लोग अपने घरों के बाहर निकल आए. हालांकि इसमें किसी तरह के नुकसान की अभी तक खबर नहीं है.

गौरतलब है कि उत्तराखंड में लगातार कुदरती आफत आ रही है और इसमें लोग अपनी जान गवा रहे हैं. पिछले दिनों चमोली जिले के धुरमा गांव में बादल फटने से आई बाढ़ में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि दो मकान बाढ़ में ही बह गए थे. जबकि पिथौरागढ़ में बादल फटने की वजह से काफी नुकसान हुआ. पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में बारिश के कारण 3 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे. हादसे में दो लोगों की भी जान चली गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे.

यह भी पढ़ेंः ISRO को मिला NASA का साथ, विक्रम लैंडर को भेजा Hello का संदेश

पिछले महीने भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के बाद भयंकर तबाही देखने को मिली थी. मोरी तहसील इलाके में बादल फटने से करीब 10 लोग मारे गए थे. बादल फटने के बाद आई भयंकर बाढ़ ने कई घरों को तबाह कर दिया था. करीब 13 गांव इस आपदा से प्रभावित हुए थे. इसको देखते हुए सरकार भी अलर्ट मोड पर है. सरकार द्वारा मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है.