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अखिलेश सरकार में शुरू हुए यश भारती पुरस्कारों की जगह अब योगी सरकार देगी 'राज्य संस्कृति पुरस्कार'

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब प्रतिष्ठित यश भारती पुरस्कारों की जगह राज्य संस्कृति पुरस्कार देने की तैयारी में है. योगी सरकार ने मुलायम सिंह यादव की सरकार में शुरू हुए यश भारती पुरस्कार को खत्म करने का विचार कर रही है. पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता मे विभाग हुई चर्चा के बाद नए नाम से पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

Updated on: 14 Feb 2020, 02:03 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) अब प्रतिष्ठित यश भारती पुरस्कारों (Yash Bharti Award) की जगह राज्य संस्कृति पुरस्कार (Rajya Sanskriti Award) देने की तैयारी में है. योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) ने मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सरकार में शुरू हुए यश भारती पुरस्कार (Yash Bharti Award) को खत्म करने का विचार कर रही है. पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी (Neelkanth Tiwari) की अध्यक्षता मे विभाग हुई चर्चा के बाद नए नाम से पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया गया है. अब ये पुरस्कार प्रदेश की महान विभूतियों के नाम पर दिये जायेंगे. 

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इन पुरस्कारों मे शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, आधुनिक और परंमपरागत कला रामलीला, लोक बोलियां, लोक गायन, लेक नृत्य, नौटंकी, मूर्तिकला आदि को शामिल किया जायेगा. जिसमे से एक पुरस्कार भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर और बाकी 23 अन्य बड़ी शख्सियतों के नाम पर दिए जाएंगे. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर दिये जानेवाले पुरस्कार मे 6 लाख रुपये नगद और बाकी मे दो लाख रूपये दिये जाने का प्रस्ताव है. पहले के यश भारती पुरस्कार मे शामिल फिल्म, आकाशवाणी, निर्देशन, साहित्य, विज्ञान, खेल आदि विधाओं को बाहर किया जा सकता है. यानि कि इस क्षेत्र के लोगों को अब राज्य संस्कृति पुरस्कार नहीं मिलेगा.

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समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी यश भारती पुरस्कार पर पहले ही योगी सरकार ने कैंची चलाई थी. यश भारती से सम्मानित लोगों को दी जाने वाली मासिक पेंशन बंद कर दी गई थी. अब सरकार ने इस पुरस्कार को खत्म कर दिया है. इसकी जगह अब राज्य संस्कृति पुरस्कार दिया जाएगा.

क्या बोले मंत्री

मंत्री नीलकंठ तिवारी ने इस मामले में कहा है कि संस्कृति के क्षेत्र में संस्कृति विभाग काम कर रहा है. कलाकारों को पुरस्कृत करने पर हम काम करेंगे. हर क्षेत्र से जुड़े लोगों को सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कहा 2009 से 2019 तक संगीत नाटक अकादमी का कोई पुरस्कार नही दिया है. विभाग में 2009 से 2019 तक पिछली सरकार ने पुरस्कार नही दिया गया. हमने पात्रों को पुरस्कार दिया है. 2009 से 2019 तक सभी कलाकारों को चयनित किया गया और राज्यपाल ने 128 लोगो को सम्मानित किया. उन्होंने आगे कहा कि लोक कला, लोकविधा को सम्माननित करने का काम जाएगा.