logo-image

योगी सरकार शराब माफिया पर कसेगी शिकंजा, शिकायत मिलने पर लाइसेंस निरस्त

योगी सरकार जहरीली शराब माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने जा रही है, आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई

Updated on: 16 Jul 2019, 09:30 PM

highlights

  • योगी सरकार शराब माफिया पर कसेगी शिकंजा
  • जहरीली शराब की शिकायत मिलने पर लाइसेंस रद्द
  • गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

ऩई दिल्ली:

यूपी कैबिनेट में आबकारी नीति 2019-20 में संशोधन का प्रस्ताव पास होने के बाद अब यूपी सरकार प्रदेश के शराब माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने जा रही है. आबकारी नीति में बड़े बदलाव कर सरकार द्वारा ये कदम उठाए जा रहे हैं. जिसके तहत ओवररेटिंग की शिकायत मिलने पर जुर्माने में साढ़े सात गुना बढ़ोतरी करते हुए पहली शिकायत पर 75 हजार रुपये, दूसरी बार 1.5 लाख रुपये और तीसरी शिकायत पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई करने का सख्त प्रावधान है.

यह भी पढ़ें - गोरखनाथ मंदिर पहुंचे सीएम योगी, गुरु का लिया आशीर्वाद, कही यह बातें...

इसके अलावा लगातार सामने आ रहे जहरीली शराब के मामलों को देखते हुए शराब में मिलावट पाए जाने पर पहली बार में ही रिटेल और हॉलसेल की दुकानों के लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया गया है. साथ ही मिलावट के आरोपियों पर गैंगस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई करने का भी प्रावधान किया गया है. जहरीली शराब से मौत होने पर मिलावटी शराब बनाने वाले माफियाओं पर आईपीसी की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने का भी सख्त प्रावधान इस नए संशोधन में किया है.
साफ है कि योगी सरकार जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में खासी गंभीर नजर आ रही है.

यह भी पढ़ें - सपा नेता और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने थामा BJP का दामन, जानें क्या रही वजह

यही वजह है कि अब ऐसा कोई मामला सामने आने पर यूपी के आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह सीधे तौर पर जिला आबकारी अधिकारी पर ही पहली कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. इन सभी संशोधनों के पीछे सरकार की मंशा यूपी में जहरीली शराब से मौत के आंकड़ों को कम करने की है. लेकिन अगर एक नजर यूपी में योगी सरकार आने के बाद जहरीली शराब से मौत के आंकड़ों पर डाले तो स्थिति बेहद भयावह नजर आती है. सिर्फ अधिकारिक आंकड़ों की बात की जाए तो योगी सरकार में जहरीली शराब से अभी तक 117 लोगों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें - स्कूली बच्चों पर गिरा तार, अस्पताल में मिलने पहुंचीं बेसिक शिक्षा मंत्री, कहा...

ऐसा नहीं है कि ये सभी मौतें सिर्फ एक ही साल में हुई है बल्कि ये सिलसिला साल दर साल बढ़ता चला आ रहा है. योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2017 में आजमगढ़ जिले में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत हुई. साल 2018 में बाराबंकी जिले में 11, गाजियाबाद में 3, कानपुर नगर में 5, कानपुर देहात में 4, बिजनौर में 1 और शामली जिले में 5 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई. इसके अलावा 2019 में कुशीनगर जिले में 11, सहारनपुर में 36, कानपुर नगर में 10 और बाराबंकी जिले में 24 की मौत का कारण जहरीली शराब ही है. अब देखने वाली बात है कि योगी सरकार के ये नए नियम यूपी में जहरीली शराब से होने वाली मौतों के सिलसिले को रोक पाने में कारगर साबित होते है या नही.