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कुलदीप सेंगर को लेकर सपा ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा...

दुष्कर्म के मामले में मुजरिम करार दिए जा चुके कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे समाजवादी पार्टी (सपा) हाथ धोकर पड़ गई है. सपा ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिर एक नए आरोप का ठीकरा फोड़ दिया है.

Updated on: 22 Jan 2020, 07:43 AM

highlights

  • दुष्कर्म के मामले में मुजरिम करार दिए जा चुके कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे सपा हाथ धोकर पड़ गई है.
  • सपा ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिर एक नए आरोप का ठीकरा फोड़ दिया है.
  • मंगलवार रात पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 

नई दिल्ली:

दुष्कर्म के मामले में मुजरिम करार दिए जा चुके कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे समाजवादी पार्टी (सपा) हाथ धोकर पड़ गई है. सपा ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिर एक नए आरोप का ठीकरा फोड़ दिया है. मंगलवार रात पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, "योगी की सरकार खुद और भाजपा को बेदाग बताने का सिर्फ ढोंग करती है. हकीकत अगर देखनी है तो आमजन सिर्फ एक नजर केवल दुष्कर्म के मुजरिम उन्हीं के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के कुकर्मो पर डाल लें. इसमें कोई विरोधी पार्टी भला क्या करेगी?

योगी और भाजपा अगर पाक-साफ हैं तो फिर, मुजरिम करार दिए जाने के बाद भी कुलदीप की विधानसभा सीट खाली घोषित करने में वे क्यों शरमा रहे हैं? यही है भाजपा की करनी और कथनी में फर्क."

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सपा में बेबाक बोलने के लिए पहचाने जाने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा, "इसमें कोई झूठ नहीं है कि इस वक्त भाजपा यूपी और केंद्र में राज कर रही है. मगर तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि, भाजपा कहीं कोई जनहित का काम भी नहीं कर रही है. इसके लिए यूपी सरकार से बड़ा नमूना भला क्या होगा? जो बलात्कारी विधायक को खुलेआम शरण दे रही है. बिना उस जनता से डरे हुए जिसने राज्य में भाजपा को भूलवश सत्ता सौंप दी थी."

राज्य सरकार की इन्हीं तमाम ऊट-पटांग नीतियों से खफा आई.पी. सिंह ने दो टूक कहा, "अगर यूपी में योगी और उनकी सरकार का हाल यही रहा तो फिर आने वाले समय में राज्य की बागडोर संभालने के लिए समाजवादी पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी."

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उन्होंने एक बयान में आगे कहा, "राज्य की सरकार जो कुछ कर रही है उस पर नजर रखने के लिए राज्यपाल हैं. सूबे में मौजूद सरकार के इन बिगड़े हालातों में राज्यपाल को खुद ही संज्ञान लेना चाहिए. राज्यपाल के विशेषाधिकार के तहत किसी से कुछ नहीं पूछना है. वे चाहें तो पलक झपकते कुलदीप सेंगर की विधानसभा सीट को खाली घोषित करा सकती हैं. मगर उनकी भी एक अदद चुप्पी सौ-सौ सवाल खड़ी करती है."