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योगी ने UPPCL कर्मियों के लिए 'बेलआउट पैकेज' की घोषणा की

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा सचिव अरविंद कुमार द्वारा जारी एक सरकारी आदेश (जीओ) के माध्यम से, शनिवार देर शाम इस आशय की घोषणा की गई.

Updated on: 24 Nov 2019, 06:04 PM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए बेलआउट पैकेज की घोषणा की.
  • DHFL में निवेश किए गए 2,600 करोड़ रुपये की राशि के घपले के मद्देनजर की गई घोषणा. 
  • उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि धन के कथित निवेश के मामले में आधा दर्जन अधिकारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) ने बिजली निगम (UPPCL) के परेशान व उत्तेजित कर्मचारियों के लिए एक बेलआउट पैकेज की घोषणा की है, जो निजी फर्म दीवान हाउसिंग फाइनेंशियल लिमिटेड (DHFL) में निवेश किए गए 2,600 करोड़ रुपये की राशि के घपले के मद्देनजर किया गया है. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा सचिव अरविंद कुमार द्वारा जारी एक सरकारी आदेश (जीओ) के माध्यम से, शनिवार देर शाम इस आशय की घोषणा की गई.

जीओ के अनुसार, सरकार धन वापसी के लिए रिलायंस निप्पॉन एसेट्स बनाम डीएचएफएल मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मध्यस्थ द्वारा दायर रिट के माध्यम से कानूनी उपाय भी तलाशती रहेगी. अगर अदालत राहत नहीं देती है तो यूपीपीसीएल को सबसे पहले अपने स्रोतों से धन जुटाने के लिए कहा जाएगा. यदि निगम पैसा बनाने में नाकाम रहती है तो उत्तर प्रदेश सरकार निगम को ब्याज मुक्त बेलआउट पैकेज देगी.

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आदेश में कहा गया, 'बेलआउट राशि का उपयोग कर्मचारियों द्वारा निवेश की गई पीएफ राशि को देने के लिए किया जाएगा.' इस बीच, उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों का हित सर्वोपरि है और विभाग ने वकीलों से यथोचित सहायता लेने के बाद यह निर्णय लिया.
लगभग 45,000 उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के कर्मचारी अपने भविष्य निधि की वापसी की मांग के लिए दो दिन की हड़ताल पर थे. उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि धन के कथित निवेश के मामले में आधा दर्जन अधिकारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यूपीपीसीएल के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) ए.पी. मिश्रा के आवास पर भी छापा मारा था. उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि के लगभग 2,600 करोड़ रुपये के घोटाले से पस्त डीएचएफएल में निवेश किया गया था.