logo-image

600 कमजोर-भ्रष्ट अफसरों को योगी दे सकते हैं जबरन रिटायरमेंट, मंगाई लिस्ट

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम के तहत एक और लिस्ट ला सकती है.

Updated on: 03 Jul 2019, 12:51 PM

highlights

  • 2 साल में करीब 200 अफसरों को मिल चुका है रिटायरमेंट
  • 400 से ज्यादा अफसरों का निलंबन और डिमोशन हो चुका है
  • 150 से ज्यादा अधिकारी सरकार के रडार पर हैं

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम के तहत एक और लिस्ट ला सकती है. सभी विभागों से ऐसे अफसरों की लिस्ट मंगाई गई है जो या तो अपने कार्यकाल में भ्रष्ट रहे हैं या फिर कामचोर.

यह भी पढ़ें- PM मोदी 6 जुलाई को वाराणसी से करेंगे BJP सदस्यता अभियान की शुरुआत, करेंगे पौधरोपण, जानें पूरा कार्यक्रम

पिछले दो सालों में योगी सरकार अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है. इन दो सालों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबित किया या फिर उनका डिमोशन किया है. अभी भी 150 से ज्यादा अधिकारी सरकार के रडार पर हैं.

किस विभाग में कितने नपे

गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया गया. जबकि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे 36 अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे दिया गया है. वहीं इसी कड़ी में श्रम विभाग में 16 और वन विभाग में 16 कर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दी गई है. वित्त वाणिज्य कर एवं मनोरंजन विभाग के भी 16 लोगों को हटाया जा चुका है.

यह भी पढ़ें- कानपुर में मारपीट का Video वायरल, बचाने आई महिला को भी पीटा

दुग्ध विकास विभाग से 7, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से 6, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग से 3, टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से 2, कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग से 4, बेसिक शिक्षा विभाग से 8, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग से 2, आवास एवं शहरी नियोजन से 5, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग से 2, व्यवसायिक शिक्षा व कौशल विकास विभाग से 3 और युवा कल्याण विभाग से तीन लोगों को जबरन रिटायरमेंट दी गई है.

इनके प्रमोशन भी रुके

मुख्यमंत्री योगी ने जहां कई अधिकारियों को घर रवाना कर दिया है तो वहीं कई अधिकारियों का प्रमोशन रोक दिया है. सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग में 169 कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है. बेसिक शिक्षा विभाग के 26, पंचायती राज विभाग के 25, ग्राम विकास विभाग के 15, दुग्ध विकास विभाग के 14, गन्ना विभाग के 11, लोक निर्माण विभाग के 18, परिवहन विभाग के 37 अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन रूके हैं.

यह भी पढ़ें- आकाश विजयवर्गीय पर मायावती का तंज, 'बीजेपी में फटकार से नहीं सुधरने वाले नेता'

खाद एवं रसद विभाग के 15, स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग के 7, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के 3 अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रमोशन रोका गया है. समाज कल्याण विभाग के 5, नियुक्ति एवं कर्मिक विभाग के दो, व्यवसायिक शिक्षा व कौशल विकास के दो और प्राविधिक शिक्षा के 2, वित्त विभाग के तीन, खादी ग्रामोद्योग विभाग से 2, राजस्व विभाग से 3, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ के 3 कर्मचारियों के प्रमोशन को रोका गया है.