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योगी सरकार के बजट में गोशाला, मदरसा और पर्यटन पर भी रहा फोकस

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2018-19 के बजट में कान्हा गोशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 98 करोड़ 50 लाख रुपये दिए हैं।

Updated on: 16 Feb 2018, 10:23 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश किया। सीएम योगी के दूसरे बजट में लोगों की नजर गो-रक्षा और अल्पसंख्यकों और पर्यटन के लिए उठाए गए कदमों पर भी थी।

दरअसल, सत्ता में आते ही योगी आदित्यनाथ ने गोवध के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। जिसके बाद विपक्षी दलों ने रोजगार और गो-रक्षा को लेकर सरकार पर प्रश्न किये।

शुक्रवार को ही समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर मांस निर्यात को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'अगर इस वक्त सबसे ज्याद कोई एक्सपोर्ट कर रहा है तो वो बीजेपी के लोग बूचड़खाना चलवा के कर रहे हैं।'

गौशाल के लिए क्या कुछ है खास?

2018-19 के बजट में कान्हा गोशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 98 करोड़ 50 लाख रुपये बजट में दिए गए हैं। 

बजट में पंडित दिन दयान उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिए 75 करोड़ और पंडित दिन दयान उपाध्याय पशु आरोग्य मेले के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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वहीं राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में नस्ल सुधार आदि के लिए 27 करोड़ रुये आवंटित किये गये हैं।

डेयरी विकास फण्ड की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नन्द बाबा पुरस्कार योजना के लिए 52 और गोकुल पुरस्कार के लिए 54 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं।

अल्पसंख्यकों के लिए क्या कुछ है खास?

योगी सरकार के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2,757 करोड़ रुपये रखे हैं। इसके अलावा मदरसों के आधुनिकीकरण पर 404 करोड़ रुपये और आलिया स्तर के मदरसों के लिए 246 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

स्थायी मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान देने के लिए 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

आपको बता दें कि मदरसों को लेकर योगी सरकार के कदमों की कई मुस्लिम संगठनों ने आलोचना की थी।

पर्यटन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बजट में धार्मिक पर्यटन पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र काशी की देव दीपावली के लिए बजट में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नई पर्यटन नीति-2018 के तहत रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट, सूफी सर्किट, बौद्ध सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट और जैन सर्किट के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान किया गया है। यही नहीं, अयोध्या की दीपावली और बरसाना की होली को भी योगी सरकार ने काफी महत्व दिया है। 

वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट भाषण में बताया कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना एवं सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 

सरकार ने पर्यटन नीति के तहत रामायण सर्किट के साथ कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट और जैन सर्किट के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा अयोध्या में दीपावली, बरसाना की होली, काशी की देव दीपावली जैसे सांस्कृतिक झांकियों के लिए सरकार ने बजट में 10 करोड़ की व्यवस्था की है। 

सरकार ने गाजियाबद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण के लिए 94 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। गोरखपुर में आधुनिक ऑडिटोरियम के लिए 29 करोड़ 50 लाख रुपये दिए हैं।

वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को नमन करने के बाद योगी सरकार का दूसरा बजट पेश किया। अग्रवाल ने कुल 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले साल की तुलना में 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। 

पिछले साल 3.84 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट में 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद 29.8 प्रतिशत अनुमानित है।

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