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उत्तर प्रदेश में विहिप बनाएगा 'धर्म रक्षक सेना', मंदिर निर्माण के लिए लोगों को इकट्ठा करेगा

राम जन्मभूमि मुद्दे पर फैसले की तारीख नजदीक आने से पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) सक्रिय होने के लिए तैयार हो रहा है. विहिप एक नया संगठन 'धर्म रक्षक सेना' गठित करने की तैयारी कर रहा है जो मंदिर निर्माण के लिए लोगों को जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा.

Updated on: 07 Oct 2019, 12:21 PM

अयोध्या:

राम जन्मभूमि मुद्दे पर फैसले की तारीख नजदीक आने से पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) सक्रिय होने के लिए तैयार हो रहा है. विहिप एक नया संगठन 'धर्म रक्षक सेना' गठित करने की तैयारी कर रहा है जो मंदिर निर्माण के लिए लोगों को जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा.

विहिप विभिन्न संगठनों के सहयोग से केंद्रीय उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 'त्रिशूल दीक्षा' कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसमें लगभग 25,000 युवाओं को त्रिशूल चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह कार्यक्रम 16 अक्टूबर को पूरा होना है और इन सभी 16 जिलों में स्थित 'शक्ति केंद्रों' में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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विहिप नेता भोलेंद्र सिंह के अनुसार, प्रत्येक जिला में चार शक्ति केंद्र हैं और उत्तर प्रदेश में कुल 94 शक्ति केंद्र हैं और इन केंद्रों पर प्रतिदिन प्रशिक्षण दिया जाता है. विहिप प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सभी प्रतिभागियों को त्रिशूल वितरित करेगा और उन्हें धर्म रक्षक कहा जाएगा.

धर्म रक्षकों को लव जेहाद और धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों से निपटने तथा इन मुद्दों पर बिना हिंसा के प्रतिक्रिया देने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्हें हिंदुत्व और हिंदुओं की रक्षा की शपथ दिलाई जाएगी. विहिप नेता के अनुसार, नए संगठन को बनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को हिंदू विचारधारा से जोड़ना और उन्हें शास्त्र और शस्त्र की महत्ता बताना है.

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उन्होंने कहा, "हिंदू कमजोर नहीं है. शस्त्र हमारी सभ्यता और इतिहास का अभिन्न अंग है और इस प्रशिक्षण से हमारे युवाओं को मजबूती मिलेगी." उन्होंने कहा, "युवा अपने साथ शक्ति के प्रतीक के रूप में ना कि गैर जरूरी हिंसा भड़काने के लिए त्रिशूल साथ लेकर चला करेंगे." गौरतलब है कि विहिप और बजरंग दल ने 2017 में भी ऐसा ही अभियान चलाते हुए युवाओं को त्रिशूल बांटे थे.