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धरने पर बैठे बीेजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर को मिला विपक्ष का समर्थन

उनके धरने को भाजपा और सपा के तमाम विधायकों ने समर्थन दिया. विधायक नंद किशोर के समर्थन में विधायकों के बीच हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा.

Updated on: 18 Dec 2019, 07:41 AM

highlights

  • BJP के लोनी गाजियाबाद (Loni Ghaziabad) से विधायक नंद किशोर गुर्जर को अपना पक्ष न रखने देने के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे.
  • इस दौरान उन्हें सपा (SP) और कांग्रेस (Congress) के सदस्यों ने समर्थन दिया. हंगामा करने के कारण सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित हो गई. 
  •  गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर विधानसभा सदन में धरना दिया.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की विधानसभा में मंगलवार को शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान BJP के लोनी गाजियाबाद (Loni Ghaziabad) से विधायक नंद किशोर गुर्जर को अपना पक्ष न रखने देने के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे. इस दौरान उन्हें सपा (SP) और कांग्रेस (Congress) के सदस्यों ने समर्थन दिया. हंगामा करने के कारण सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित हो गई. गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर विधानसभा सदन में धरना दिया.

उनके धरने को भाजपा और सपा के तमाम विधायकों ने समर्थन दिया. विधायक नंद किशोर के समर्थन में विधायकों के बीच हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा. बाद में विधानसभा की संसदीय समिति के समक्ष डीएम-एसपी को पेश कराने का आश्वासन देकर विधायक का धरना खत्म कराया गया.

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मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सदन में चर्चा कर केंद्र को प्रस्ताव भेजे जाने पर अड़े विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया कि इस बीच विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी जगह खड़े हो गए और कुछ कहने की अनुमति मांगी. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मना करते हुए बैठने को कहा. लेकिन, विधायक उनकी बात को अनसुना करते हुए अपनी जगह खड़े रहे. इस दौरान सदन में वापस लौटे विपक्षी सदस्यों की नजर गुर्जर पर पड़ी और वे उनके समर्थन में लामबंद हो गए.

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी विधायक को इशारे से बैठ जाने को कहा, लेकिन हाथ में एक पर्चा थामे गुर्जर बोलने की अनुमति मांगते रहे. इस दौरान सपा के सदस्य वेल में आकर विधायक के समर्थन में नारेबाजी करने लगे. उनका कहना था कि सदन में जब सत्ता पक्ष के सदस्य को ही कुछ कहने की अनुमति नहीं है तो विपक्ष की क्या सुनी जाएगी.

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विपक्षी सदस्य को न्याय दो के नारे लगा रहे थे. गुर्जर धरने पर बैठ गए तो विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा, "वे जब तक सदन में रहेंगे हमारे विधायक भी उनके साथ रहेंगे."

सदन में धरना पर बैठे विधायकों ने दिनेश शर्मा के साथ संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना को लौटाया. विधायकों के बीच मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद रहे. उत्तर प्रदेश के सदन के इतिहास में पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों का ऐसा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है.
सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने कहा कि विधानसभा कल तक स्थगित होने के बाद भी भाजपा के सौ से अधिक विधायक सदन में अपनी ही सरकार में उपेक्षित होने के कारण बैठे. उन्होंने कहा कि इस समय सदन में विपक्ष सहित 200 से अधिक विधायक सरकार की तानाशाही के खिलाफ धरने पर बैठे हैं. यानी सरकार अल्पमत में है. समय से पहले जनता को कुकर्मियों से निजात मिलने की उम्मीद है.

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ज्ञात हो कि लोनी में तैनात फूड इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोप है कि विधायक नंद किशोर ने कार्यालय बुलाकर मीट के होटलों के लाइसेंस न बनाने का दबाव डाला था. फूड इंस्पेक्टर ने मारपीट का आरोप भी लगाया था. वीडियो वायरल होने के बाद गाजियाबाद के एसपी नीरज जादौन की संस्तुति पर विधायक व उनके साथियों पर मामला दर्ज किया गया है.
मामला दर्ज होने के बाद भाजपा ने विधायक नंद किशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने विधायक से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
उधर विधायक गुर्जर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा था कि उन पर ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, जिससे वे आजीवन जेल में रहें और उनका जीवन सुरक्षित रह सके, क्योंकि कुछ लोग उनकी हत्या कराना चाहते हैं.