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ठांय-ठांय के बाद यूपी पुलिस ने इस तरह से की अनोखी घुड़सवारी, देखें वीडियो

सोशल मीडिया में इस वीडियो के वायरल होने के बाद हर कोई भौचक्का रह गया कि आखिर यूपी पुलिस के जवान ये कैसी हरकतें कर रहे हैं.

Updated on: 12 Nov 2019, 06:49 PM

नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश की अपने नए-नए कामों की वजह से मीडिया की सुर्खियों में छाई रहती है. ताजा मामला फिरोजाबाद का है, जहां पुलिस घोड़े की जगह लाठी पर सवार होकर भागे जा रही है. इस वीडियो में यूपी पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पब्लिक के बीच घुड़सवारी करनी थी लेकिन यूपी पुलिस के पास घोड़े नहीं थे जिसकी वजह से पुलिस के जवानों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घोड़े की जगह पैरों के बीच डंडा डालकर घुड़दौड़ लगाई और उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

आपको बता दें कि इसके पहले भी यूपी पुलिस के बहादुर ऑफीसर्स एनकाउंटर के दौरान मुंह से ही ठांय-ठांय की आवाज निकाल कर अपराधियों को भागने पर मजबूर कर चुके हैं. सपा सरकार में तो यूपी पुलिस ने भैंस खोजने में कीर्तिमान हासिल कर लिया था. तीन चार थानों की पुलिस भैंस ढूंढने ही निकल पड़ती थी. संभल में एनकाउंटर के दौरान जब यूपी पुलिस के अफसरों की रिवॉल्वर से गोली नहीं चली तो जांबाज जवानों ने मु्ंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालकर अपराधियों को भागने पर मजबूर कर दिया. ऐसा ही यूपी पुलिस का एक नया कारनामा एक बार फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

यूपी पुलिस ने डंडे पर की घुड़सवारी

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सोशल मीडिया में इस वीडियो के वायरल होने के बाद हर कोई भौचक्का रह गया कि आखिर यूपी पुलिस के जवान ये कैसी हरकतें कर रहे हैं. हालांकि बाद में यूपी पुलिस ने पुलिस के जवानों की इस तरह से की गई घुड़दौड़ के बारे में बताया कि वो इस घुड़दौड़ से क्या दिखाना चाह रहे थे. यूपी पुलिस ने स्पष्ट किया कि मॉक-ड्रिल के तहत पुलिस प्रतीकात्मक रूप से घोड़े के जरिए भीड़ को नियंत्रित कर रही है और इसमें इसमें इस्तेमाल लाठी, घोड़े का रोल अदा कर रही है. अपर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अयोध्या के फैसले के मद्देनजर पुलिस अपनी तैयारी कर रही थी. यूपी पुलिस के पास घोड़े उपलब्ध नहीं थे जिसकी वजह से उन्होंने जवानों को लाठियों को ही घोड़ा बनाने का विकल्प दे दिया.

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इस वीडियो पर प्रतिसार निरीक्षक राम सिंह ने मीडिया को बताया कि यह वीडियो आठ नवंबर की सुबह पुलिस लाइन में हुई मॉक ड्रिल का है. 9 नवंबर को राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले पुलिस ने बलवाईयों, दंगाइयों से निपटने के लिए यह मॉक ड्रिल करवाई थी. इस मॉक ड्रिल में बलवा पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई का अभ्यास कराया गया था. इस मॉक ड्रिल के लिए पुलिस के पास घोड़े नहीं थे जिसकी वजह से रिक्रूट्स को सांकेतिक रूप से घोड़े दौड़ाने की जानकारी दी गई थी.