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सांप्रदायिक पोस्ट पर यूपी पुलिस सख्त, 24 घंटे में 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले और लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद बिगड़ रहे सांप्रदायिक माहौल को संभालने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने सख्ती बरती है.

Updated on: 21 Oct 2019, 09:43 AM

लखनऊ:

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले और लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद बिगड़ रहे सांप्रदायिक माहौल को संभालने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने सख्ती बरती है. अब उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर सांप्रदायिकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीजीपी ओपी सिंह की ओर से सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली पोस्ट करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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डीजीपी ओपी सिंह के इस निर्देश का असर भी देखने को मिला है. यूपी पुलिस के मुताबिक, बीते 24 घंटे के दौरान राज्य में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेल एवं साइबर क्राइम यूनिट ने इस संदर्भ में 67 सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर सुनयोजित रूप से विभेदकारी पोस्ट डालते हैं, ऐसे लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. यूपी पुलिस ने आगे कहा है कि साक्ष्यों के आधार पर सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने वालों पर रासुका जैसी कार्रवाई भी की जाएगी.