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अयोध्या में राम की भव्य मूर्ति और एक डिजिटल संग्रहालय बनेगा, 446.46 करोड़ रुपये मंजूर

राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले राज्य सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए यह बड़ा कदम उठाया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी पहले ही गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा की तर्ज पर अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा कर चुके हैं.

Updated on: 02 Nov 2019, 08:23 AM

लखनऊ:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में भगवान राम की भव्य मूर्ति की स्थापना और अयोध्या में एक डिजिटल संग्रहालय के निर्माण के लिए 446.46 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. सहित 7 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले राज्य सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए यह बड़ा कदम उठाया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी पहले ही गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा की तर्ज पर अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा कर चुके हैं. 

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राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तथा खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अयोध्या में पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा, उन पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाइबेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा आदि की स्थापना हेतु 61.3807 हेक्टेयर भूमि की खरीद के लिए 447.46 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

इसके अलावा उन्होंने बताया, 'उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा 500 मेगावाट क्षमता हेतु आमंत्रित प्रतिस्पर्धात्मक टैरिफ बेस्ड बिडिंग के आधार पर प्राप्त नियत कोटेड टैरिफ के अनुसार प्रदेश में 72 MW की क्षमता के तीन सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई है. यूपी कैबिनेट ने शीरा नीति 2019-20 को भी मंजूरी दी. इसके तहत प्रदेश की चीनी मिलों को 18 प्रतिशत शीरा देशी मदिरा बनाने वाली आसवनियों के लिए आरक्षित करना होगा.'

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वाराणसी में कैंट थाने को विभाजित कर एक नए लालपुर-पांडेयपुर थाने की स्थापना के लिए शिवपुर स्थित पहाड़पुर गांव स्थित एलटी कालेज की जमीन लीज पर लिए जाने का फैसला लिया गया. साथ ही वाराणसी में पर्यटक पुलिस थाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. थाने की स्थापना के लिए शिवपुर स्थित गंज गांव में पर्यटन विभाग की जमीन गृह विभाग को निशुल्क दी जाएगी. कैबिनेट ने साल 2016 में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में सृजित किए गए 28 ब्लॉकों की स्थापना के आदेश को निरस्त किए जाने के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस लेने का फैसला लिया. वहीं सोनभद्र स्थित कोन एवं कर्मा ब्लॉक की स्थापना के निर्णय के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

पुराने प्रकरणों में संबंधत अभियुक्त बार बार सम्मन भेजने पर उपस्थित नहीं होता है. ऐसी स्थिति में लंबित वादों की संख्या बढ़ती चली जाती है. इसी क्रम में यूपी दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दी गई. इसके प्रभाव के तहत 31 मार्च 2016 से पूर्व धारा 107 तथा 109 CRPC में दर्ज लंबित मामले स्वतः एबेट हो जाएंगे. इस अधिनियम का मुख्य आशय पैटी क्रिमिनल ऑफेंसेस को कंपाउंडिंग द्वारा एबेट करना है. इससे कार्य निस्तारण में शीघ्रता होगी.

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