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UP भाजपा से होगी एक तिहाई चेहरों की छुट्टी, जातीय संतुलन बनाने पर जोर, युवाओं को मिलेगी जगह

जिला कमेटियों का गठन पूरा होने के बाद बीजेपी की उत्तर प्रदेश की कमेटी के लिए पदाधाकारियों की छानबीन शुरू हो गई है. 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अभी से तैयारियों में जुटने लगी है.

Updated on: 17 Feb 2020, 09:51 AM

लखनऊ:

जिला कमेटियों का गठन पूरा होने के बाद बीजेपी की उत्तर प्रदेश की कमेटी के लिए पदाधाकारियों की छानबीन शुरू हो गई है. 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अभी से तैयारियों में जुटने लगी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की टीम में जातीय संतुलन साधने के साथ ही युवा चेहरों को तरजीह दी जाएगी. वहीं मौजूदा टीम के करीब एक तिहाई चेहरों की छुट्टी तय मानी जा रही है. संगठन के कार्यों में माहिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के लिए अपनी टीम गठित करना आसान नहीं होगा. जातीय के साथ-साथ क्षेत्री संतुलन भी उन्हें साधना होगा.

विधान परिषद के स्नातक व शिक्षक क्षेत्र की 11 सीटों पर निर्वाचन के अलावा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी यही टीम कराएगी. सूत्रों के मुताबिक एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला अपना कर कई बड़े नाम कमेटी में शामिल नहीं होंगे. उपाध्यक्ष संजीव बालियान, बीएल वर्मा, नवाब सिंह नागर, जेपीएस राठौर व कांता कर्दम की कुर्सी बची रहना भी मुश्किल है.

बीजेपी के दो प्रदेश महामंत्री अब योगी सरकार के मंत्री बन चुके हैं. इस वजह से अशोक कटारिया व नीलिमा कटियार का संगठन में बने रहना मुश्किल माना जा रहा है. प्रदेश मंत्रियों में से अनूप गुप्चा, सुब्रत पाठक, संतोष सिंह, अमरपाल मौर्य, देवेंद्र सिंह, वाईपी सिंह व त्रयंबक त्रिपाठी की तरक्की हो सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महीने के अंत तक प्रदेश कमेटी के साथ क्षेत्रीय अध्यक्षों व मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है. मौजूदा क्षेत्रीय और मोर्चा अध्यक्षों में से आधा दर्जन को प्रदेश कमेटी में शामिल किए जाने की भी चर्चा है. बीजेपी संगठन की 98 जिला व महानगर इकाइयां हैं.

इन सभी में जातीय संतुलन साधने के साथ महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है. पिछड़ों को 40-50 फीसदी की हिस्सेदारी दी गई है. वहीं युवाओं को भी पर्याप्त महत्व दिया गया है. अधिकतर जिला कमेटिों में कार्यकारिणी सदस्यों के नामों की घोषणा अभी नहीं हो पाई है. क्षेत्रीय स्तर पर इसका निर्णय किया जाएगा. जिलों में नियुक्त प्रवासियों ने स्थानीय प्रमुख कार्यकर्ताओं, नेताओं व आरएसएस पदाधिकारियों से चर्चा कर 50 नामों की सूची प्रदेश कार्यालय में प्रेषित की थी.