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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 'उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाए'

उन्नाव रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है. पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने को कहा गया है.

Updated on: 02 Aug 2019, 12:44 PM

नई दिल्ली:

उन्नाव रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है. पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने को कहा गया है. यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि हत्या के प्रयास के मामले में रायबरेली जेल में बंद पीड़ित के चाचा को तिहाड़ ट्रांसफर करने में कोई ऐतराज नहीं है. 

सरकार ने ये भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पीड़ित लड़की को 25 लाख का अंतरिम मुआवजा दिया जा चुका है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को हिदायत दी है कि उन्नाव कांड को रिपोर्ट करते वक्त प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पीड़ित लड़की की पहचान का खुलासा ना हो. इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि पीड़ित लड़की और उसके परिजनों को CRPF सुरक्षा मुहैया करवा रही है. सुप्रीम कोर्ट के इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने के बाद सीबीआई भी एक्टिव हो गई है. सीबीआई ने शुक्रवार को उन्नाव रेप कांड के समय माखी थाने में तैनात करीब 60 पुलिसकर्मियों को तलब किया. लखनऊ के सीबीआई दफ्तर पहुंचे करीब 60 पुलिस कर्मियों से पूछताछ की गई.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन शुरु

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बृहस्पतिवार को कई अहम फैसले सुनाए था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्‍नाव रेप केस और सड़क हादसे से जुड़े सभी 5 केस दिल्‍ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया. शुक्रवार को सभी केस दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर हो गए. सुप्रीम कोर्ट के दूसरे आदेश के मुताबिक दिल्‍ली की निचली अदालत 45 दिनों में उन्‍नाव रेप कांड की रोजाना सुनवाई करेगी. 45 दिनों में ही यह मामला पूरा किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया है कि 7 दिन में सड़क हादसे की जांच पूरी की जाए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. शुक्रवार को राजय सरकार की ओर से बताया गया कि पीड़िता को 25 लाख का अंतरिम मुआवजा दिया जा चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि पीड़ित लड़की और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए. जिसके बाद शुक्रवार को सीआरपीएफ के जवानों ने लखनऊ के केजीएमयू पहुंच कर पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदाान की.