logo-image

उन्नाव की पीड़िता में मिला खतरनाक बैक्टीरिया, दवाएं हो रही बेअसर

लखनऊ के केजीएमयू में उन्नाव रेप पीड़िता के कराए गए कल्चर टेस्ट रिपोर्ट में खून में एक खतरनाक बैक्टीरिया मिले हैं. इसी वजह से पीड़िता को दी जाने वाली प्रमुख सात एंटीबायोटिक दवाओं में से छह लगातार बेअसर साबित हो रही हैं.

Updated on: 08 Aug 2019, 11:26 AM

highlights

  • बैक्टीरिया के कारण 6 एंटीबायोटिक बेअसर
  • सिर्फ एक ही एंटीबायोटिक दवाई कर रही काम
  • बैक्टीरिया को ड्रग रेजिस्टेंट बताया गया है

लखनऊ:

लखनऊ के केजीएमयू में उन्नाव रेप पीड़िता के कराए गए कल्चर टेस्ट रिपोर्ट में खून में एक खतरनाक बैक्टीरिया मिले हैं. इसी वजह से पीड़िता को दी जाने वाली प्रमुख सात एंटीबायोटिक दवाओं में से छह लगातार बेअसर साबित हो रही हैं. KGMU अब पीड़िता के कल्चर रिपोर्ट को एम्स भेजेगा.

यह भी पढ़ें- UP में बकरों को बियर पिलाने का वीडियो वायरल, जानिए क्या है कारण 

आपको बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता का 28 मई को सड़क हादसा हो गया था. सड़क हादसे के बाद लखनऊ के ट्रामा सेंटर में पीड़िता और उसके वकील को भर्ती कराया गया था. जहां पर वेंटीलेटर पर पीड़िता को रखा गया था. कुछ दिन बाद पीड़िता के वकील की हालत ठीक होने के बाद उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया था.

यह भी पढ़ें- बसपा संगठन में बड़ा फेरबदल, मायावती ने मुनकाद अली को बनाया UP का प्रदेश अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पीड़िता को पांच अगस्त को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स अस्पताल शिफ्ट किया गया था. ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान पीड़िता का कल्चर टेस्ट हुआ था. जिसकी जांच रिपोर्ट अब सामने आई है. पीड़िता के खून में घातक ब्लड इन्फेक्शन मिला है. पीड़िता के खून में एंटिरोकोकस बैक्टीरिया मिला है.

यह भी पढ़ें- RIP Sushma Swaraj: इस वजह से सुषमा स्वराज का UP से रहा है खास लगाव 

जिसके कारण से एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर साबित हो रही हैं. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता को दी जाने वाली एंटीबायोटिक के प्रभाव की टेस्टिंग की गई है. लैब में ड्रग सेंसिटीविटी में सात एंटीबायोटिक दवाओं की टेस्टिंग की गई.

यह भी पढ़ें- यूपी एसटीएफ ने बैंक फ्रॉड करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश 

जिसमें पाया गया कि छह एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर पाई गईं. विशेषज्ञों ने इसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट करार दिया है. इसकी रिपोर्ट एम्स को भेज दी जाएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह काफी रेयर बैक्टीरिया है. फिलहाल यह मल में पाया जाता है. लेकिन यह ब्लड तक कैसे पहुंचा इसका पता लगाना चाहिए.